भोपाल (जोशहोश डेस्क) 28 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होगा या नहीं, इस पर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कोरोना की वजह से यह सत्र तीन दिन का होगा की नहीं अभी यह भी तय नहीं है। अब 27 दिसंबर को होने वाली सर्वदलीय बैठक में इस पर फैसला होने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दो जुलाई को मंत्रीमंडल का विस्तार किया था। तब तत्कालीन प्रोटेम अध्यक्ष जगदीश देवड़ा के मंत्री बनाए जाने के बाद रामेश्वर शर्मा को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था। इसके बाद हुए विधानसभा सत्र में अध्यक्ष उपाध्यक्ष के चुनाव टाल दिए गए थे। अब तीन दिनी सत्र हो रहा है। इस सत्र में सरकार अनुपूरक बजट लाने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही लव जिहाद विधेयक समेत कुछ अन्य महत्वपूर्ण विधेयक भी लाए जाएंगे। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का भी चुनाव होगा। इसके लिए 29 तारीख तय भी कर दी गई है। सरकार को यह भी सुझाव मिला है कि कोरोना की वजह से सत्र की अवधि छोटी कर महत्वपूर्ण काम एक दिन में ही कर लिए जाएं और अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का चुनाव एक बार फिर आगे बढ़ा दिय जाए। इसमें अंतिम फैसला 27 को सर्वदलीय बैठक में लिया जाएगा।
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विधानसभा अध्यक्ष के लिए कई उम्मीदवारों के नाम सुर्खियों में हैं। ये वे नेता है जो सीनियर विधायक होने के बाद भी मंत्री पद नहीं पा सके हैं। उपाध्यक्ष पद भी भाजपा अपने पास रख सकती है। क्योंकि कांग्रेस शासनकाल में उपाध्यक्ष पद विपक्ष को देने की परंपरा टूट चुकी है।
ये हैं प्रमुख दावेदार
गिरीश गौतम
गिरीश गौतम रीवा जिले के देवतालाब से चार बार के विधायक हैं। वे दो बार से मंत्री पद की दावेदारी कर रहे हैं। वरिष्ठता और जातीय समीकरण को देखते हुए इनके नाम पर भी विचार किया जा रहा है।
राजेंद्र शुक्ला
रीवा से विधायक, मुख्यमंत्री के करीबियों में गिनती होती है। भाजपा के तीनों कार्यकाल में मंत्री रहे। इस बार भी मंत्री पद के दावेदार थे लेकिन सिंधिया समर्थकों की एंट्री से मंत्री नहीं बन पाए। अब अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हैं।
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नागेंद्र सिंह
नागेंद्र सिंह सतना जिले की नागौद सीट से विधायक हैं। इससे पहले वह शिवराज सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। नागेंद्र सिंह खुजराहो से सांसद भी रहे हैं। अब सीनियारटी के चलते विधानसभा अध्यक्ष के दावेदार हैं।
केदार शुक्ला
केदार शुक्ला सीधी से विधायक हैं। पहले भी अध्यक्ष पद के लिए उनकी दावेदारी रही है लेकिन उनके पक्ष में फैसला नहीं हुआ। इस बार वरिष्ठता के नाते मंत्री पद के दावेदार थे, अब अध्यक्ष पद के लिए भी नाम चर्चा में है।
डॉक्टर सीताशरण शर्मा
डॉक्टर सीताशरण शर्मा 2013 से 2018 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं। वे होशंगाबाद से छठवीं बार के विधायक हैं। उन्हें एक बार फिर अध्यक्ष बनाने का विचार पार्टी कर सकती है।
यशपाल सिंह सिसौदिया
यशपाल सिंह सिसौदिया मंदसौर से विधायक हैं। इन्हें मंत्री पद मिलने की भी संभावना थी। अब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के लिए पार्टी विचार कर सकती है।