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नागदा का सपूत सियाचिन में शहीद, तीन महीने पहले पूरा हो चुका था कार्यकाल

नागदा के सपूत बादल सिंह चंदेल सियाचिन में शहीद हो गए। बादल सिंह देश की सेवा में सियाचिन में तैनात थे।

उज्जैन (जोशहोश डेस्क) नागदा के सपूत बादल सिंह चंदेल सियाचिन में शहीद हो गए। बादल सिंह देश की सेवा में सियाचिन में तैनात थे। अचानक बर्फ धंसने से उनकी जान चली गई। बादल सिंह की पार्थिव देह को सियाचिन से नागदा भेजा जा रहा है।

2004 में सेना में भर्ती हुए बादल सिंह 15 कमाऊं रेजिमेंट के नायक के पद पर कार्यरत थे। बादल सिंह ने करीब ढाई साल तक शांति सेना में रहते हुए दक्षिण अफ्रीका में अपनी सेवाएं दी थी। दिसंबर में उनका 17 सालों का सेना में कार्यकाल पूरा हो गया था लेकिन उन्हें एक्सटेंशन देते हुए सियाचिन में तैनात किया गया था।

शहीद बादल सिंह चंदेल के परिवार में उनके माता-पिता, पत्नी और साढ़े तीन साल का बेटा भी है। वे जनवरी में अपने परिवार से मिलने नागदा आए थे। परिजनों ने बताया कि 13 फरवरी को वह वापस अपनी ड्यूटी पर लौट गए थे। उन्हें सियाचिन में 27 हजार फीट ऊपर ग्लेशियर पर तैनात किया गया था।

शहीद बादल सिंह के परिजनों ने बताया कि बीती रात करीब सवा 10 बजे यह सूचना मिली थी कि बादल सिंह बर्फ धंसने से घायल हो गए हैं। इसके बाद गुरुवार सुबह ग्लेशियर में तैनात सूबेदार प्रतापसिंह ने उनके शहीद होने का समाचार दिया।

बादल सिंह की पार्थिव देह को सुबह सियाचिन चौकी से नीचे लाया गया है। अब पार्थिव देह पहले दिल्ली लाई जाएगी उसके बाद इंदौर लाया जाएगा।यहाँ से महू रेजिमेंट शहीद बादल सिंह की पार्थिव देह को लेकर नागदा पहुंचेगी। जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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