12 जनवरी को वाइल्डलाइफ बोर्ड तय करेगा पन्ना हीरा खदान का भविष्य
राज्य सरकार ने 18 जनवरी को स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक बुलाई है।
पन्ना (जोशहोश डेस्क) राज्य सरकार ने 18 जनवरी को स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक बुलाई है। बैठक में पन्ना के मझगंवा स्थित एनएमडीसी (National Mineral Development Corporation) की पन्ना हीरा खदान (Panna Diamond Mines) की लीज बढ़ाने और श्योपुर के कुनो पालपुर नेशनल पार्क में चीता परियोजना को मंजूरी दी जा सकती है।
बैठक में चीता परियोजना को मंजूरी पर भी कार्य हो सकता है, सेंट्रल एम्पॉवर्ड कमेटी की सब कमेटी को चीता के लिए कुनो पालपुर ही पसंद आया है। इस पार्क में एशियाटिक लॉयन (बब्बर शेर) परियोजना पहले से चल रही है, इसलिए सरकार को चीता परियोजना के लिए सहमति देनी होगी।
बेशकीमती हीरों के लिए विख्यात राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (National Mineral Development Corporation) की एकमात्र हीरा खदान में साल की शुरुआत से काम बंद हो गया। पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) के क्षेत्र में होने से NMDC को अभी तक वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस नहीं मिला है, जिसकी वजह से खदान में काम रोक देना पड़ा, यानि टाइगर के इलाके में NMDC फिलहाल कोई काम नहीं कर सकती।
31 दिसंबर से बंद पड़ी है खदानें
31 दिसंबर 2020 को स्वीकृत अवधि समाप्त होने के कारण हीरे की खदान बंद करनी पड़ी। जिसे लेकर पन्ना शहर के लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा भी है क्योंकि यह पूर्व से ही ज्ञात था कि साल 2020 के आखिरी दिन स्वीकृत अवधि समाप्त हो जाएगी फिर भी सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाए गए और उत्खनन बंद करना पड़ा। यह खदान पन्ना टाइगर रिजर्व के गंगऊ अभ्यारण्य अंतर्गत वन भूमि रकबा 74.018 हेक्टेयर में संचालित है, इसके संचालन की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2020 को समाप्त हो गई है।
शिवराज सिंह ने खदान बंद न होने का दिया आश्वासन
हीरा खनन परियोजना को आगे संचालित रखने के लिए आवश्यक स्वीकृति प्राप्त करने परियोजना प्रबंधन ने कई माह पूर्व ही आवेदन पत्र राज्य वन्य प्राणी बोर्ड तथा वन व पर्यावरण मंत्रालय में प्रस्तुत किए थे। लेकिन ये निर्णय के इंतजार में ये आज भी लंबित पड़े हैं। लेकिन राष्ट्रीय खनिज विकास निगम की पन्ना स्थित हीरे की खान से खनन बंद नहीं होगा। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर संज्ञान लिया है इस खदान से कई लोगों को रोजगार मिलता है। इसे बंद करने से लोगों पर आजीविका का संकट आएगा। इसीलिए खदान बंद नहीं होगीं।
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एशिया में हीरे की इकलौती खदान के बंद होने से लोग काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं, अब वाइल्डलाइफ बोर्ड तय करेगा कि पन्ना हीरा खदान का भविष्य क्या होगा।