OBC आरक्षण के साथ होंगे पंचायत चुनाव, SC के फैसले पर क्रेडिट पॉलिटिक्स
प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव में OBC आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब फैसले पर शुरू हुई सियासत।
नई दिल्ली/भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव में OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पंचायत और निकाय चुनाव OBC आरक्षण के साथ होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस सप्ताह आरक्षण नोटिफाई कराने और अगले सप्ताह चुनाव नोटिफिकेशन जारी करने का आदेश भी दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरक्षण किसी भी स्थिति में 50% से अधिक नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग को रिझाने की सियासत भी शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सत्य की जीत बताया वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि ओबीसी वर्ग से उनका जो हक छिना गया था, उसकी दोषी शिवराज सरकार थी। यह निर्णय कांग्रेस के संघर्ष की व ओबीसी वर्ग की जीत है, जिसने ओबीसी विरोधी शिवराज सरकार को झुकने पर मजबूर किया।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ने कहा कि आखिरकार सत्य की जीत हुई। प्रदेश में निकाय चुनाव तो पहले भी OBC आरक्षण के साथ हो रहे थे लेकिन कांग्रेस के लोग ही सुप्रीम कोर्ट गए थे। तब यह फैसला हुआ था कि चुनाव OBC आरक्षण के बिना ही होंगे। फैसले के बाद गृहमंत्री और प्रदेश सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा और मंत्री भूपेंद्र सिंह मुख्यमंत्री निवास पहुंचे और मुख्यमंत्री शिवराज को बधाई दी।
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कमलनाथ ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा 14% से बढ़ाकर 27% किये गए ओबीसी आरक्षण का पूरा लाभ ओबीसी वर्ग को अभी भी नहीं मिलेगा क्योंकि निर्णय में यह उल्लेखित है कि आरक्षण 50% से अधिक नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हम पहले दिन से ही कह रहे थे कि मध्यप्रदेश में बगैर ओबीसी आरक्षण के पंचायत व नगरीय निकाय के चुनाव नहीं होना चाहिये, सरकार इसको लेकर सभी आवश्यक कदम उठाये।
कमलनाथ ने कहा कि यदि सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार समय पर ट्रिपल टेस्ट की सम्पूर्ण प्रक्रियाओं का पालन कर देती और आधी-अधूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं करती तो यह अप्रिय स्थिति कभी भी नहीं बनती लेकिन शिवराज सरकार ओबीसी वर्ग का हक छीन जाने के बाद नींद से जागी। उन्होंने यह भी कहा कि हमें ओबीसी वर्ग का भला करने की कोई उम्मीद शिवराज सरकार से नही थी इसलिए हमने तो पहले से ही यह निर्णय ले लिया है कि हम निकाय चुनाव में 27% टिकट ओबीसी वर्ग को देंगे और इस वर्ग को उनका पूरा अधिकार देंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव बिना OBC आरक्षण के बिना ही कराने के निर्देश दिए थे। तब जमकर हुई किरकिरी के बाद शिवराज सरकार ने OBC को आरक्षण के लिए 12 मई की देर रात सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका दाखिल की थी। इस पर ही सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया है।