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पटवारी परीक्षा परिणाम पर रोक, क्या सरकार ने स्वीकार कर लिया घोटाला?

मुख्यमंत्री शिवराज ने लगाई नियुक्तियों पर रोक, कमलनाथ के निशाने पर सरकार

भोपाल (जोशहोश डेस्क) कर्मचारी चयन मंडल द्वारा पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम पर उठे सवालों और व्यापक विरोध के बाद शिवराज सरकार बैकफुट पर नज़र आ रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नियुक्तियों पर रोक लगाने का आदेश जारी कर मामले में जांच के भी आदेश दिए हैं। कांग्रेस ने इस फैसले को शिवराज सरकार द्वारा भर्ती परीक्षा में धांधली और घोटाला स्वीकार करना बताया है।

पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम पर बड़े घोटाले की आशंका के बाद विद्यार्थियों ने बड़े पैमाने पर राजधानी भोपाल और इंदौर समेत प्रदेश भर में प्रदर्शन किया था। प्रदेशव्यापी प्रदर्शन के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां रोक लगा दी है। साथ ही सेन्टर के परिणाम के पुनः परीक्षण के निर्देश जारी किये हैं।

इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम में धांधली के समाचार सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने नियुक्तियां रोकने का फैसला कर, यह स्वीकार कर लिया है कि इन परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली और घोटाला हुआ है। मैं मुख्यमंत्री से स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि कोई भी फैसला ऐसा होना चाहिए जिसमें अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं हो।’

कमलनाथ ने आगे कहा, ‘नियुक्तियां रोकना एक बात है और असली दोषियों को पकड़ना दूसरी बात है। व्यापम और नर्सिंग घोटाले में भी सरकार ने इससे मिलती-जुलती कार्यवाही करके मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की थी और सत्ताधारी दल से जुड़े मुख्य साजिशकर्ताओं को बचाया था। मध्य प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि पटवारी भर्ती घोटाला के मुख्य कर्ता-धर्ता कौन हैं और अगर संबंध है तो वह कानून के शिकंजे में कब आएंगे?

बता दें कि पटवारी भर्ती परीक्षा के टॉप 10 में से 7 अभ्यर्थियों का सेंटर एक ही है। ये सेंटर ग्वालियर का NRI कॉलेज है जो भाजपा विधायक संजीव कुशवाह का है। कांग्रेस ने मामले की शिकायत कर्मचारी चयन मंडल को कर गड़बड़ी होने की बात भी लिखी। वहीं इस पूरी भर्ती परीक्षा की जांच की सीबीआई से करवाने की मांग भी की गई।

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