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पटवारी परीक्षा: टॉपर नहीं बता पाई MP की राजधानी का नाम, वीडियो वायरल

पटवारी परीक्षा की टॉपर पूनम राजावत बेहद सामान्य सवालों का नहीं दे पाईं जवाब, संदेह के दायरे में आई पूरी परीक्षा

भोपाल (जोशहोश डेस्क) पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोप अब लगातार गहराते जा रहे हैं। परीक्षा में टॉप-10 में शामिल 7 स्टूडेंट्स का एक ही सेंटर सामने आने से शुरू विवाद रोज़ नए सवालों में घिरता जा रहा है। अब एक मीडिया चैनल से बातचीत में पटवारी परीक्षा की टॉपर पूनम राजावत बेहद सामान्य से सवालों का जवाब तक नहीं दे पाईं। जिसके बाद पूरी परीक्षा ही संदेह के दायरे में आ गई है।

आज तक की सहयोगी वेबसाइट ‘लल्लनटॉप’ से बात करते हुए परीक्षा की टॉपर पूनम राजावत बेहद ही असहज दिखाई दीं। यहाँ तक कि वे सामान्य ज्ञान के बहुत ही सरल सवालों का भी उत्तर नहीं दे पाती हैं। पूनम से पूछा जाता है कि मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम संभाग में कौन सा जिला आता है। इसके चार ऑप्शन भी दिए जाते हैं-कटनी, रायसेन, हरदा और सीहोर।

टाॅपर पूनम इस सवाल का जवाब नहीं दे पाती हैं। जब उनसे पूछा जाता है कि मध्य प्रदेश में कितने जिले हैं, तो पूनम इसका भी जवाब नहीं दे पाती हैं। हैरत तो तब होती है जब पूनम राजावत रिपोर्टर के इस सवाल का जवाब भी नहीं दे पातीं कि मध्यप्रदेश की राजधानी क्या है? जब रिपोर्टर इसका जवाब भोपाल बताते हैं तो पूनम चुप हो जाती हैं।

दूसरी और यह भी सामने आया है कि पटवारी भर्ती परीक्षा में वे अभ्यर्थी जिन्होंने खुद को दिव्यांग बताया था उन्होंने वन रक्षक जेल प्रहरी की परीक्षा में खुद को फिट बताया। यही नही मधुलता गढ़वाल नामक एक युवती का भी वीडियो वायरल है जिसमे वह कह रही हैं कि मैंने 15 लाख रूपये देकर पटवारी परीक्षा में सीट हासिल की है। मेरा नाम मेरिट में भी आ गया है। हमको ऑफर मिला मैंने और मेरे पिता जी ने उसे स्वीकार कर लिया।

इधर पटवारी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले को लेकर भोपाल में हजारों की संख्या में अभ्यर्थी शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का समर्थन करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश को जिस तरह से भर्ती घोटालों का प्रदेश बना दिया है, उसमें किसी भी नौजवान का भविष्य सुरक्षित नहीं है। हर भर्ती घोटाले के तार अंततः सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से जुड़ते हैं और प्रदेश की सरकार घोटाले के सूत्रधारों को बचाने का प्रयास करती रहती है। भ्रष्टाचार को संरक्षण देने की शिवराज सरकार की नीति के कारण न सिर्फ नौजवानों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है बल्कि पूरी दुनिया में मध्यप्रदेश का नाम खराब हो रहा है। मैं नौजवानों को भरोसा दिलाता हूं कि 4 महीने बाद प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी तब घोटाले, भ्रष्टाचार और कमीशन का राज समाप्त होगा और आपको योग्यता के अनुसार विधि सम्मत तरीके से रोजगार मिलेगा।

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