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शिव-राज मॉडल: BJP मंडल अध्यक्ष को भी धान खरीदी के लिए देनी पड़ी रिश्वत

फ़सल ख़रीदी केंद्रों में देनी पड़ रही रिश्वत, भाजपा नेता और कार्यकर्ता भी खरीदी केंद्रों में भ्रष्टाचार के हो रहे शिकार

उमरिया/भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश में किसानों की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। पहले तो उन्हें फसल लगाने के लिए यूरिया के लिए कई कई दिनों संघर्ष करना पड़ता है और अगर फ़सल तैयार हो भी जाए तो उसे बेचने के लिए ख़रीदी केंद्रों में रिश्वत देनी पड़ रही है। हाल यह है कि भाजपा नेता और कार्यकर्ता भी खरीदी केंद्रों में भ्रष्टाचार के शिकार हो रहे हैं।

ऐसा ही एक मामला उमरिया जिले से सामने आया है। ज़िले के पिपरिया मंडल के अध्यक्ष सुंदरलाल यादव का कलेक्टर को लिखा पत्र में सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। पत्र में सुंदरलाल यादव ने धान ख़रीदी केन्द्र में रिश्वत दिए जाने की बात लिखी है।

सुंदरलाल ने रिश्वत के रूप में दी गई राशि को वापस प्राप्त करने के लिए जिला कलेक्टर से गुहार लगाते हुए सवाल उठाया है कि अगर ख़रीदी केन्द्रों में भाजपा की कार्यकर्ता और मंडल अध्यक्ष रिश्वत देने को मजबूर है तो आम आदमी का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता संगीता शर्मा ने भी इस पत्र के हवाले से ख़रीदी केंद्रों में हो रहे भ्रष्टाचार पर सवाल उठाए हैं-

प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष सुश्री संगीता शर्मा ने कहा कि भाजपा मध्यप्रदेश के विकास मॉडल की बात करती है, लेकिन उसी पार्टी के मंडल अध्यक्ष को रिश्वत देना पड़ रही है। यह मध्यप्रदेश का भ्रष्टाचार माडल है, जहां कोई काम बिना रिश्वत के नहीं होता। तबादला-पोस्टिंग से लेकर किसानों को खाद-बीज भी बिना लेन देन के नहीं होता।

संगीता शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी सुनें, भाजपा मंडल अध्यक्ष को धान खरीदी केंद्र में रिश्वत देना पड़ी, जबकि वे भाजपा के स्थापित नेता है जनजाति कल्याण मंत्री मीना सिंह के खास व्यक्ति है। संगीता शर्मा ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री जी,आए दिन भाजपा नेता एवं पदाधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार की पोल खोली जा रही है कुछ दिन पूर्व ही पूर्वमंत्री दीपक जोशी ने भी प्रधानमंत्री आवास योजना में भी आर्थिक अनियमितता को लेकर प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री जी आपकी 18 सालों की भाजपा सरकार में प्रदेश की जनता को रिश्वत दे देकर शासकीय कार्य करवाना पड़ रहा है। जनता के क्या हाल हो रहे होंगे यह कभी अपने कभी सोचा है?

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