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नगर निकाय नतीजे: कांग्रेस के लिए बूस्टर डोज, BJP की जीत में भी हार

11 नगर निगमों से भाजपा के खाते में सात, कांग्रेस के खाते में तीन और एक नगर निगम आम आदमी पार्टी के खाते में आया।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश के निकाय चुनाव के लिए प्रथम चरण के लिए हुई वोटिंग के नतीजे रविवार को आ गए। 11 नगर निगमों से भाजपा के खाते में सात, कांग्रेस के खाते में तीन और एक नगर निगम आम आदमी पार्टी के खाते में आया। बड़ी बात यह है कि अब तक इन सभी सीटों पर भाजपा का कब्जा था, ऐसे में उसके हाथ से चार नगर निगम निकल गए।

रविवार को घोषित परिणामों में राजधानी भोपाल, इंदौर, सतना, बुरहानपुर, उज्जैन, खंडवा और सागर नगर निगम पर भाजपा दोबारा कब्जा करने में कामयाब रही जबकि जबलपुर, ग्वालियर और छिंदवाड़ा नगर निगम कांग्रेस ने भाजपा से छीन लिए। वहीं सिंगरौली नगर निगम से आम आदमी पार्टी प्रदेश में अपना खाता खोलने में कामयाब रही।

इन नतीजों को अगले साल होने वाल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए बूस्टर डोज माना जा रहा है। वहीं भाजपा के हाथ से चार नगर निगम निकल गए। दूसरी ओर उज्जैन और बुरहानपुर में भाजपा मामूली अंतर से जीत हासिल कर सकी। वहीं इंदौर और भोपाल नगर निगम में भी भाजपा की लीड कम हो गई। प्रदेश के शेष पांच नगर निगमों के लिए काउंटिंग 20 जुलाई को होगी।

प्रदेश के 11 नगर निगमों के लिए मतगणना के बाद ग्वालियर में कांग्रेस की शोभा सिकरवार, जबलपुर में जगत बहादुर सिंह अन्नू और छिंदवाड़ा में विक्रम अहाके ने शानदार जीत दर्ज की। इस तरह 11 नगर निगम में से 3 नगर निगम में कांग्रेस के प्रत्याशियों को सफलता मिली। ग्वालियर नगर निगम की सीट पर कांग्रेस ने 57 साल में पहली बार जीत दर्ज की है। वहीं जबलपुर नगर निगम में कांग्रेस पार्टी ने 23 साल बाद जीत दर्ज की है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के गृहनगर छिंदवाड़ा नगर निगम में भी कांग्रेस पार्टी ने पहली बार जीत दर्ज की है। कांग्रेस को बुरहानपुर और उज्जैन नगर निगम में मामूली मतों से हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इन निगमों में भी जनता ने वोट कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी को ही दिया था, लेकिन प्रशासन के दुरुपयोग से नतीजे बदल गए।

कांग्रेस का निकाय चुनावों में यह अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन है। अगर 1999 के बाद से नगर निगम के चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो कांग्रेस पार्टी ने 1999 में 2 सीट भोपाल और जबलपुर, 2004 चुनाव में भोपाल और देवास, 2009 नगर निगम चुनाव में देवास, उज्जैन और कटनी तथा 2015 कोई सीट नहीं जीती थी। जबकि अब 2022 मैं सिर्फ 11 नगर निगम के परिणाम घोषित होने पर ही कांग्रेस पार्टी तीन नगर निगम जीत चुकी है।

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