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मध्यप्रदेश के अमीन सदाशिव राव, जिन्हें अंग्रेजों ने तोप से उड़ा दिया था

भोपाल (जोशहोश डेस्क) आजादी की लड़ाई के कई बलिदानी इतिहास के पन्नों से गुमनाम हैं ऐसा ही एक नाम था अमीन सदाशिवराव। मध्यप्रदेश के महिदपुर से ताल्लुक रखने वाले अमीन सदाशिवराव को अंग्रेजों ने तोप के मुंह पर बांध कर उड़ा दिया था।

इस सपूत के बलिदान दिवस 7 जनवरी पर जानिए उनकी शौर्यगाथा…

1857 में मालवा का पूरा क्षेत्र अंग्रेजों के विरुद्ध हो चुका था यहां का महिदपुर सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र था। यहां अंग्रेजों ने अपनी छावनी स्थापित की थी जिसे ‘यूनाइटेड मालवा कांटिनजेंट’ महिदपुर हेडक्वार्टर’ कहा जाता था।

यहां तत्कालीन तहसीलदार सदा शिवराव ने अंग्रेजों की सेवा में होने के बाद भी क्रांतिकारियों का साथ दिया था। 8 नवम्बर, 1857 योजनानुसार सुबह दो हजार क्रांतिकारियों ने ऐरा सिंह के नेतृत्व में उद्घोष करते हुए महिदपुर छावनी पर हमला बोल दिया। इन योद्धाओं में उज्जैन व खाचरोद के मेवाती सैनिकों के साथ ही महिदपुर के नागरिक भी शामिल थे। यह देखकर छावनी में तैनात देशप्रेमी सैनिक भी इनके साथ हो लिए।

जबर्दस्त संघर्ष में क्रांतिकारियों ने लेफ्टिनेंट मिल्स, सार्जेण्ट मेजर ओ कॉनेल, डाॅक्टर कैरी तथा मानसन को मार डाला। महिदपुर के इस संघर्ष में अंग्रेजों को मैदान छोड़कर भागना पड़ा। बड़ी संख्या में भारतीय सैनिक भी वीरगति को प्राप्त हुए। आगे चलकर इस युद्ध की योजना बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले अमीन सदाशिवराव भी गिरफ्तार कर लिए गए।अंग्रेजों ने उन्हें सात जनवरी, 1858 को तोप के सामने खड़ाकर गोला दाग दिया।

इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि देश के लिए बलिदान हुए ऐसे वीरों की गाथाएं इतिहास का व्यापक हिस्सा नहीं बन पाईं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अमीन सदाशिवराव को नमन करते हुए यह बात कही है।

माहिदपुर में अमीन सयाजीराव की स्मति में शौर्य स्माारक भी बनाया गया है। स्वराज संस्थान के सहयोग से निर्मित इस स्मारक को संरक्षण की जरूरत है।

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