वरिष्ठ पत्रकार सोमदत्त शास्त्री का निधन, पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति
देश के जाने-माने कलमकारों में से एक थे सोमदत्त शास्त्री, पत्रकारीय जगत में शोक की लहर।
भोपाल (जोशहोश डेस्क) वरिष्ठ पत्रकार सोमदत्त शास्त्री का शुक्रवार सुबह करीब 9:30 बजे निधन हो गया। सोमदत्त शास्त्री देश के जाने-माने कलमकारों में से एक थे और देश के कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में सेवाएं दे चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ समेत अन्य राजनेताओं और पत्रकारों ने उनके निधन को मध्यप्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।
प्रदेश के पत्रकारीय जगत में भी सोमदत्त शास्त्री के निधन से शोक की लहर है। सोमदत्त शास्त्री चार साल पूर्व दैनिक भास्कर समाचार पत्र से सेवानिवृत्त हुए थे। तब से वे “the beurocret world ” पत्रिका का संपादन कर रहे थे। सोमदत्त शास्त्री की अंतिम यात्रा उनके निज निवास A- 33 विद्या नगर भोपाल से दोपहर 1 बजे सुभाष नगर विश्राम घाट जाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमदत्त शास्त्री देश के निधन को पत्रकारिता ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश की अपूरणीय क्षति बताया-
वरिष्ठ पत्रकार सोमदत्त शास्त्री के निधन पर पत्रकार आरिफ मिर्जा ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा-
चले गए शास्त्री जी
इस दुखद खबर पर विश्वास करना कठिन है…लेकिन यही सत्य है। मेरे गुरुतुल्य और मुझसे बहुत प्रेम करने वाले पत्रकार सोमदत्त शास्त्री जी अब इस नश्वर संसार मे नहीं रहे। 1991 से 1993 के मध्य मुझे सोमदत्त जी का सानिध्य दसिनिक जागरण में काम करते हुए मिला। उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा। लेखन के अतिरिक्त बेहतर पत्रकार और नेक इंसान बनने की जो थोड़ी बहुत प्रेरणा मुझे मिली वो सोमदत्त जी की ही देन है। उस दौर में भोपाल में साम्प्रदायिक दंगे हुए थे। वे बेहद दुखी थे। उन्होंने मुझे फील्ड में भेजा और मुझसे लीड खबरें बनवाईं। वो स्वयं बहुत अच्छी कॉपी लिखते थे। उनमें ग़ज़ब का हास्यबोध था। मैं उनके निधन से स्तब्ध हूं और बेहद दुखी हूं। ऊपरवाला उनकी आत्मा को शांति दे।
पत्रकार सतीश एलिया ने भी अपनी फेसबुक पोस्ट में वरिष्ठ पत्रकार सोमदत्त शास्त्री के निधन को निजी नुकसान बताते हुए श्रद्धांजलि दी-
वरिष्ठ पत्रकार सोमदत्त शास्त्री का निधन…..उनके साथ दैनिक भास्कर में साथ काम किया, कापी को माँझने में उनका कोई सानी नहीं था। उनके साथ कई सुखद यादें रहीं। हमारे विदिशा के वे जामाता थे और बरसों वहां से राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में यश अर्जित किया। भोपाल की पत्रकारिता में वे यशस्वी हुए और आजीवन सक्रिय पत्रकार रहे। कुछ माह पहले ही हम पत्रकार साथी राघवेन्द्र सिंह जी, धर्मेन्द्र पैगवार, राहुल शर्मा उनके घर मिलने गए थे, आवाज की वही खनक हास परिहास। तब वे कोरोना को मात देकर घर लौटे थे। पत्रकारिता के हालात पर शिद्दत से चर्चा की। यह मेरे लिए निजी नुकसान है। भाई साहब शिव अनुराग पटेरिया जी और गुरुवर कमल दीक्षित जी के कोरोना से अवसान के बाद अब शास्त्री जी के निधन से हमने एक और मार्गदर्शक खो दिया है। प्रभु उन्हें अपनी शरण में लें, ओम शांति।