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कोटपा को लेकर शिवराज करेंगे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात

भोपाल (जोशहोश डेस्क) केंद्र सरकार द्वारा सिगरेट एंड अंडर टोबैको प्रोडक्ट एक्ट (कोटपा) 2003 में अभी हाल में किए गए संशोधन और जारी नई नियमावली से बीड़ी कारोबार पर संकट के बादल छा गए हैं। इससे बुंदेलखंड और महाकौशल के कई हिस्सों में जारी इस कारोबार से जुड़े हजारों परिवारों के रोजगार पर असर पड़ना तय है।

इसी बात को लेकर बीड़ी उद्योगपतियों के साथ नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की तो, वहीं लोकनिर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने केद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर नियमावली को अव्यवहारिक बताया है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने कोटपा में संशोधन कर जो नई नियमावली जारी की है उसके जरिए बीड़ी कारोबार को सिगरेट और गुटका के समतुल्य लाकर खड़ा कर दिया गया है, जबकि बीड़ी उत्पादन का काम कुटीर उद्योग की श्रेणी में आता है।

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इसमें न तो मशीन का उपयोग होता है और न ही बिजली का। देश के अन्य हिस्सों की तरह बुंदेलखंड के सागर, दमोह के अलावा महाकौशल के जबलपुर व उसके आसपास के हिस्से में हजारों परिवार इस उद्योग से जुड़े हैं और उनके जीवकोपार्जन का साधन बना हुआ है।

नई नियमावली से बीड़ी उत्पादन के अलावा उसकी बिक्री करना भी लोगों के लिए कठिन हो गया है। बीड़ी कारोबारी इस नियमावली पर आपत्ति भी दर्ज कराते आए हैं। मध्यप्रदेश बीड़ी उद्योग संघ के प्रतिनिधियों ने नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ मुख्यमंत्री चौहान से मुलाकात कर अपनी समस्या से अवगत कराया।

बीड़ी


प्रतिनिधियों के साथ मौजूद विधायक शेलेन्द्र जैन ने बताया कि कोटपा में किए जा रहे संशोधन अव्यवहारिक हैं, जिनका पालन करना बीड़ी श्रमिकों सहित संस्थान को सम्भव नही है। इसलिए मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि आप भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री से बात कर इन संसोधनों को रोके। ताकि डूब की कगार पर चल रहे बीड़ी उद्योगो को बचाया जा सके।

विधायक जैन ने बताया कि बीड़ी उद्योगों से लाखों श्रमिकों की रोजी रोटी पर बन आएगी। जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति जताते हुए शीघ्र ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात करने की बात कही।

मध्यप्रदेश बीड़ी उधोग संघ की अध्य्क्ष डॉ. मीना पिम्पलापुरे ने बताया कि कोटपा, अर्थात सिगरेट एंड अंडर टोबैको प्रॉडक्ट्स एक्ट 2003 में हाल ही में संशोधन कर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 31 दिसंबर 2020 को नयी नियमावली जारी की है। यह संशोधित नियमावली के नियम बीड़ी उद्योग के लिए पूर्णत: अव्यवहारिक हैं।

(इस खबर के इनपुट आईएएनएस से लिए गए हैं।)

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