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कैसी होगी भोपाल में बनने वाली अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी

भोपाल (जोशहोश डेस्क) शिक्षा के द्वारा सामाजिक बदलाव की चाह रखने वाली विश्व प्रसिद्द ‘अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी’ (Azim Premji University) अब भोपाल में भी खुलने जा रही है। आईटी कंपनी विप्रो के चेयरमैन रहे अज़ीम प्रेमजी का फाउंडेशन बेंगलुरू के बाद अब अपनी दूसरी यूनिवर्सिटी भोपाल के कान्हासैया में खोलने खोलने के लिए तैयार है। सरकार ने भी यूनिवर्सिटी के लिए हरी झंडी दे दी है। जानें कैसी होगी भोपाल में बनने वाली अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी…..

अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी का बेंगलुरू कैंपस

अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन को 50 एकड़ ज़मीन 99 साल के लिए लीज़ पर दी गई है, जिसकी कीमत लगभग 13 करोड़ रुपए है। कान्हासैया के पहले यूनिवर्सिटी भोपाल के नजदीक वाल्मी में बनने जा रही थी। लेकिन वन विभाग की असहमति के चलते यूनिवर्सिटी को कान्हासैया में बनाने का फैसला लिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी बनने का काम जल्द शुरू हो जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि यूनिवर्सिटी शुरू होने के बाद एजुकेशनल मैप पर भोपाल का नाम देश दुनिया में दिखाई देने लगेगा। भोपाल को एक नई पहचान भी मिलेगी। साथ ही मध्यप्रदेश के शिक्षा स्तर में सुधार होगा जिसके बाद छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

कैसी होगी भोपाल की अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी

बेंगलुरू की तर्ज पर भोपाल में बनने जा रहा अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय (Azim Premji University) एक ऐसा शिक्षण संस्थान होगा जहाँ छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षण सुविधाएँ प्राप्त होंगी।जहाँ अनुभवी शिक्षकों द्वारा रिसर्च बेस्ड पाठन सामग्री उपलब्ध होगी। भोपाल में भी कुछ चुनिंदा विषयों को चुनने का ऑप्शन छात्रों के पास होगा। जिसमें अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की विशेषज्ञता है जैसे बीए ( इंग्लिश, हिस्ट्री, इकोनॉमिक्स, फिलोसॉफी ), बीएससी ( बायो, मैथ्स, फिजिक्स), बीएड, एमए ( डेवलपमेंट, इकोनॉमिक्स, एजुकेशन, पब्लिक पालिसी एंड गवर्नेंस ) एलएलएम।

भोपाल की इस जगह पर बनने जा रहा है विश्वविद्यालय

अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने भोपाल के कान्हासैया गांव में 50 एकड़ जमीन को पसंद किया है। वर्तमान में भोपाल में मास्टर प्लान 2005 लागू है। जिसके तहत इस जमीन का उपयोग कृषि के लिए दर्शाया गया है। इस वजह से यहां यूनिवर्सिटी स्थापित करने से पहले यहां का लैंड-यूज पैटर्न बदलना होगा। इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग को लैंड-यूज कृषि से बदलकर शैक्षणिक करने का प्रस्ताव भेज दिया है। इस पर जल्द ही प्रशासन की ओर से सहमति मिल जाएगी। राज्य के सीएम और उच्च शिक्षा मंत्री दोनों ने ही इस प्रोजेक्ट के लिए प्रारंभिक रूप से सहमति दे दी थी। इन दोनों के प्रयास के कारण ही फाउंडेशन ने भोपाल में यूनिवर्सिटी खोलना प्लान किया है। जिसका काम जल्द ही शुरू होगा।

पहले रायपुर में बनने जा रही थी यूनिवर्सिटी

भोपाल से पहले अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी को रायपुर में खोलने का विचार था, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार के पीएस व 1993 बैच के अधिकारी अनुरुद्ध मुखर्जी ने अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के सीईओ अनुराग बेहार से बात की जो उनके बैच जूनियर रहे हैं। उसके बाद उच्च स्तर पर बातचीत करके यूनिवर्सिटी को भोपाल लाने में मदद मिली।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में यूनिवर्सिटी निर्माण की मिली थी अनुमति

कमलनाथ सरकार के समय हुए मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश से ठीक पहले यूनिवर्सिटी को लेकर अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन व उच्च शिक्षा विभाग के बीच चर्चा हुई थी। जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी के स्तर पर अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन को इस जमीन के लिए प्रारंभिक रूप से अनुमति दी गई थी। सरकार गिरने के बाद अब इस प्रोजेक्ट को शिवराज सरकार आगे बढ़ा रही है।

कौन हैं अज़ीम प्रेमजी

अज़ीम हाशिम प्रेमजी एक भारतीय व्यापार उद्यमी हैं जो विप्रो लिमिटेड के अध्यक्ष हैं। उन्हें भारतीय आईटी उद्योगपति के रूप में जाना जाता है। 2010 में, वह एशियाईक द्वारा दुनिया के 20 सबसे शक्तिशाली पुरुषों में नामित हुए थे। अज़ीम प्रेमजी दुनिया के उन चुनिंदा उद्योगपतोयों में से हैं जो समाज के हित के लिए दान देने में सबसे ऊपर रहते हैं। उद्योगपति होने के अलावा प्रेमजी निवेशक, इंजीनियर और साहित्यकार हैं। वर्ष 2011 में, अजीम प्रेमजी ने एक गैर-लाभकारी संगठन की स्थापना की जिसे अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के रूप में जाना जाता है। दिसंबर 2010 में, अजीम प्रेमजी ने भारत में स्कूली शिक्षा की स्थितियों में सुधार के लिए 2 बिलियन अमरीकी डालर दान करने का संकल्प लिया। इसके लिए, अजीम प्रेमजी ने विप्रो लिमिटेड के 213 मिलियन इक्विटी शेयरों को अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को हस्तांतरित किया। यह भारत में सबसे बड़े दान में से एक है।

अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन क्या है

आईटी कंपनी विप्रो के चेयरमैन रहे अजीम प्रेमजी ने इस फाउंडेशन की स्थापना सन 2001 में की थी। अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन है जो भारत में शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए शुरू किया गया था। जो आज 2000 से ज्यादा ग्रामीण सरकारी स्कूलों में प्रारंभिक शिक्षा प्रणाली के साथ काम कर रहा है। यह फाउंडेशन उत्तराखंड, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पुड्डुचेरी, आंध्र प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में खास तौर पर काम करता है। पहले फाउंडेशन मुख्य रूप से प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में काम करता था लेकिन पिछले कुछ सालों में उच्च शिक्षा को सुधारने का काम कर रहा है। अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन वर्तमान में मध्य प्रदेश के चार जिलों भोपाल, खरगोन, धार और सागर में मौजूद है। फाउंडेशन ने इन जिलों में जिला संस्थान स्थापित करने के साथ ब्लॉक स्तर पर 12 शिक्षक शिक्षण केंद्र भी शुरू किए हैं।

कभी अनिल अंबानी बनाने वाले थे भोपाल में यूनिवर्सिटी

मध्यप्रदेश में यह पहला मौका नहीं है जब कोई बड़ा उद्योगपति यूनिवर्सिटी बनाने की बात कर यहा है। अज़ीम प्रेमजी से पहले साल 2010 में अनिल अम्बानी ने भी भोपाल के पास धीरूभाई अम्बानी यूनिवर्सिटी बनाने की बात की थी, जिसके लिए उन्हें शासन द्वारा 110 एकड़ ज़मीन भी उपलब्ध करा दी गई थी। लेकिन बाद में पंचायत से लेकर वन-विभाग, हार्टिकल्चर विभाग, शिक्षा विभाग समेत अन्य शासकीय विभागों से एनओसी लेने में अम्बानी ग्रुप के पसीने छूट गए जिसके बाद अम्बानी ग्रुप ने शासन द्वारा दी गई ज़मीन को बापस लौटाया और यूनिवर्सिटी न बनाने का फैसला किया।

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