उमरिया: हाईवे पर फिर शावक की टक्कर से मौत, टाइगर स्टेट पर सवाल?
सड़क हादसे की मौत से एक बार फिर टाइगर स्टेट में बाघों सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया।
उमरिया (जोशहोश डेस्क) नेशनल हाईवे 43 पर शुक्रवार तड़के बाघ शावक को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। शावक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। घटना घुनघुटी रेंज की है। सड़क हादसे की मौत से एक बार फिर टाइगर स्टेट में बाघों सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया।
बाघ शावक की उम्र 2 से 4 महीने के बीच है। माना जा रहा है कि शावक रात 2 से 3 बजे के बीच किसी रफ़्तार वाहन की चपेट मी आ गया। वाहन ने बाघ शावक को न सिर्फ टक्कर मारी है बल्कि उसे कुचल भी दिया गया है। सुबह जब राहगीरों ने बाघ शावक को मृत अवस्था में देखा तो इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। वन विभाग का अमला घटनास्थल पर पहुंच जांच पड़ताल कर रहा है।
घुनघुटी रेंज से गुजरने वाले नेशनल हाईवे 43 के दोनो ओर जंगल है ऐसे में कई जगह बाघ और उनके शावक सड़क पर आ जाते हैं और इस तरह के हादसे हो जाते हैं। यही कारण है कि घुनघुटी के आसपास कई बार ऐसे हादसे हो चुके हैं। जिसमें न सिर्फ शावक बल्कि बड़े बाघ और बाघिनो ने भी अपनी जाने गंवाई हैं।
नेशनल हाईवे पर कई जगह वाहन धीरे चलाने के बोर्ड तो लगे है हैं लेकिन नई बनी सड़क पर स्पीड ब्रेकर काम होने से यहाँ वाहनों की स्पीड नियंत्रित नहीं रहती जिसका खामियाजा जंगल के जानवरों को उठाना पद रहा है। हाईवे पर वन विभाग का नाका न होने से भी वाहनों की रफ़्तार पर नजर नहीं रखी जा पा रही है जबकि इस रेंज में कई बाघ सक्रिय हैं।
टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश बाघों की मौत के मामले में देश में पहले स्थान पर है। मध्य प्रदेश में इस साल ही 25 से ज्यादा बाघों की मौत हो गई। गौरतलब है कि वर्ष 2020 में प्रदेश में 30 और वर्ष 2019 और 2018 में 29-29 बाघों की मौत हुई थी।
दूसरी ओर टाइगर स्टेट के रूप में मध्यप्रदेश को चुनौती दे रहे कर्नाटक में बाघों की मौत की संख्या अपेक्षाकृत कम है। इस साल 31 मार्च तक के उपलब्ध आंकड़ों को के मुताबिक कर्नाटक में सिर्फ पांच बाघों की मौत हुई है। अगले साल सभी राज्यों में बाघों की गिनती शुरू होनी है। ऐसे में सड़क हादसों और रेल से कटकर बाघों और शावकों की मौत प्रदेश के टाइगर स्टेट के तमगे को खतरे में डाल सकती है।