नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने गुरुवार को भारत में ऑस्ट्रेलिया के हाई कमिश्नर और उनके राजनीतिक सचिव की मेजबानी की। इस मौके पर सांसद तन्खा ने ऑस्ट्रेलिया के हाई कमिश्नर को एक पत्र सौंपते हुए ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीयों के हित में तीन बड़े अनुरोध भी किये। इनमें ऑस्ट्रेलिया में कार्यरत भारतीयों के लिए दिवाली पर ऐच्छिक अवकाश घोषित किए जाने की मांग भी है। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया के लिए शिक्षण संस्थानों में में भारतीयों के शुल्क में कमी और दिल्ली से मेलबाॅर्न व सिडनी के लिए सीधे फ्लाइट का अनुरोध भी सांसद तन्खा ने ऑस्ट्रेलिया के हाई कमिश्नर से किया।
भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ फैरल और उनके राजनीतिक सचिव जैक टेलर महानवमी के मौके पर सांसद तन्खा के निवास पहुंचे। इस दौरान सांसद तन्खा ने दोनों ही मेहमानों को दशहरे की शुभकामनाएं देते हुए ऑस्ट्रेलिया में बड़ी संख्या में कार्यरत भारतीयों के लिए तीन विषयों पर अनुरोध पत्र भी सौंपा।
सांसद तन्खा ने उच्चायुक्त से दिवाली के मौके पर ऑस्ट्रेलिया में कार्यरत भारतीयों के लिए एैच्छिक अवकाश घोषित करने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि इससे ऑस्ट्रेलिया में बड़ी संख्या में कार्यरत भारतीयों के लिए दीपोत्सव की खुशी कई गुना बढ़ जाएगी।
वहीं ऑस्ट्रेलिया में अध्ययन के इच्छुक भारतीयों के लिए वहां के शिक्षण संस्थानों में शुल्क की कमी का भी सांसद तन्खा ने अनुरोध किया। सांसद तन्खा ने कहा कि इससे कोविड के बाद की मुश्किल परिस्थितियों में विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिलेगी।
सांसद तन्खा ने इस दौरान दिल्ली से ऑस्ट्रेलिया के दो बड़े शहरों मेलबाॅर्न और सिडनी के लिए सीधे फ्लाइट की मांग भी उठाई। उन्होंने क्वाड (QUAD) यानी क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलाग (Quadrilateral Security Dialogue) के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बेहतर होते तालमेल को देखते हुए इसकी जरूरत भी बताई। अभी दिल्ली से अभी ऑस्ट्रेलिया के कोई भी सीधी फ्लाइट नहीं है।
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ऑस्ट्रेलिया के हाई कमिश्नर बैरी ओ फैरल को सौंपे अनुरोध पत्र को सोशल मीडिया पर भी साझा किया
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के लोगों की संख्या करीब सात लाख तक पहुंच चुकी है। वर्ष 2019-2020 में जिन दो लाख से अधिक लोगों को ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता मिली उनमें से 38,209 भारतीय हैं। यह संख्या पिछले साल भारतीयों को मिली ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता से 60 प्रतिशत अधिक है और ऑस्ट्रेलिया में किसी अन्य देश के लोगों को मिली नागरिकता की सर्वाधिक संख्या है।