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मध्यप्रदेश में नौकरी घोटाला, आवेदन-सिलेक्शन और फिर…

मध्यप्रदेश के युुवाओं को रोजगार के नाम पर छला जा रहा है। कई विभागों में नौकरी के विज्ञापन दिए गए प्रक्रिया पूरी की गई लेकिन नियुक्ति नहीं दी गई।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश के युुवाओं को रोजगार के नाम पर छला जा रहा है। कई विभागों में नौकरी के विज्ञापन दिए गए, प्रक्रिया पूरी की गई लेकिन नियुक्ति नहीं दी गई। मामले कोर्ट भी गए। कोर्ट ने आदेश भी दिया लेकिन सब व्यर्थ। आवेदन के साथ बड़ी राशि परीक्षा शुल्क के रूप में ले चुकी सरकार उम्मीदवारों को नियुक्ति कब तक देगी, इसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है।

प्रदेश के कई विभागों में नौकरी के लिए चयनित युवाओं का इंतजार अंतहीन होता जा रहा है। विभागों ने रोजगार के विज्ञापन दिए। लाखों आवेदन आए। लंबी प्रक्रिया के बाद चयनित उम्मीदवारों की सूची भी निकाली गई लेकिन यहीं आकर प्रक्रिया थम गई। अब चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति का इंतजार है। ये युवा जनप्रतिनिधियों से लेकर सोशल प्लेटफाॅर्म पर लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं लेकिन कोई नतीजा सामने नहीं आ रहा।

कौशल विकास विभाग ने मार्च 2018 में एक ब्रांडिंग मैनेजर और 76 डिस्टिक्ट फेसिलेटर के पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसी साल अक्टूबर में साक्षात्कार हुए और फरवरी 2019 में सफल उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी हो गई। मार्च 2019 में चयनित उम्मीदवारों की सत्यापन प्रक्रिया भी पूरी हो गई लेकिन अब तक नियुक्ति नहीं दी गई।

यह मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा। हाईकोर्ट ने विभाग को 9 जनवरी 2021 तक नियुक्ति के आदेश भी दिए लेकिन विभाग ने हाईकोर्ट के आदेशको भी अनसुना कर दिया। नतीजा चयनित उम्मीदवारों को अब भी नियुक्ति का इंतजार है।

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ऐसा ही मामला राजस्व विभाग का भी है। विभाग ने साल 2017 में पटवारी के 9235 पदों के लिए विज्ञापन निकाला। परीक्षा में दस लाख उम्मीदवार शामिल भी हुए। पीईबी ने इसका रिजल्ट 26 मार्च 2018 को जारी किया। राज्य स्तर पर विभाग ने पहली काउंसलिंग 26 जून 2018 को कर ली लेकिन अब तक पूरे पद नहीं भरे जा सके हैं।

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सहकारिता विभाग ने भी जूनियर सेल्समैन के 3296 पदों के लिए सितंबर 2018 में आवेदन बुलाए थे। इन पदों के लिए दो लाख युवाओं ने आवेदन किया था।मार्च 2020 तक मेरिट के आधार पर चयन सूची भी जारी कर दी गई। उसके बाद सत्यापन की प्रक्रिया अब तक नहीं हो पाई है।

इनके अलावा चार हजार आरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी लंबे समय से अटकी हुई है। वहीं लैब टेक्नीशियन के करीब 600 पदों पर संविदा नियुक्ति का भी उम्मीदवारों को लंबे समय से इंतजार है।

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