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ट्रंप समर्थकों की हिंसा से 4 लोगों की मौत, वाशिंगटन में इमरजेंसी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यक्तिगत ट्विटर अकाउंट को 12 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) अमेरिकी लोकतंत्र के गढ़ कही जाने वाली कैपिटल बिल्डिंग पर हुए हिंसक हमले के बाद कांग्रेस ने फिर से इलेक्टोरल कॉलेज वोटों के मिलान का संवैधानिक काम शुरू कर दिया है। ताकि 46वें अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर जो बाइडेन और उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की जीत की पुष्टि की जा सके।

दंगाइयों को उकसाने में मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को लेकर उनकी काफी निंदा की जा रही है। ट्रंप समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग पर कब्जा कर लिया था और यहां हुई गोलीबारी में एक महिला की मौत हो गई। वहीं कांग्रेस के सदस्यों को पुष्टि की प्रक्रिया को रोककर सुरक्षित क्षेत्रों में शरण लेनी पड़ी।

सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के लीडर मिच मैककॉनेल ने कहा, “इससे पहले हमें कभी नहीं रोका गया था, हम आज भी नहीं डिगेंगे। उन्होंने हमारे लोकतांत्रिक काम में रुकावट करने की कोशिश की है। वे असफल रहे।”


पुलिस के मुताबिक संसद परिसर में ट्रंप समर्थकों की हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई है। स्थिति को देखते हुए अमेरिका के वाशिंगटन में 15 दिन की पब्लिक इमरजेंसी लगा दी गई है।

ट्रंप पर हिंसा फैलाने का आरोप


बता दें कि ट्रंप 3 नवंबर, 2020 के चुनावों के परिणामों को स्वीकार करने से इनकार कर चुके हैं। उन्होंने बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी होने का आरोप लगाते हुए अदालतों में 50 से अधिक मुकदमे भी दायर किए थे।

कांग्रेस के अधिवेशन से पहले उन्होंने कांग्रेस के समर्थकों की रैली करके घोषणा की थी कि वे बाइडेन से हार नहीं मानेंगे और आवेश-नाराजगी की लहर ला देंगे। ट्रंप ने कहा था, “इस साल के चुनावों जैसी धांधली पहले कभी नहीं हुई। अब हम वहां (कैपिटल की ओर) जा रहे हैं .. और हम अपने बहादुर सीनेटरों और कांग्रेसी महिला-पुरुषों को खुश करने जा रहे हैं (वे लोग जिन्होंने जो बाइडेन के चुने जाने पर आपत्ति जताई है)।”

‘ट्रंप’ और ‘यूएसए, यूएसए’ के नारे लगाते हुए उनके हजारों समर्थकों ने एरिजोना के इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों के खिलाफ आपत्ति जताई और हमला कर दिया। कई दंगाइयों ने बिल्डिंग में प्रवेश करने के लिए दीवारों और खिड़कियों को तोड़ दिया। उन्होंने कैपिटल के चारों ओर के बैरियर्स को हटा दिया। दंगाइयों को सीनेट प्रेसिडेंट की कुर्सी पर बैठे, ट्रंप के झंडे और तख्तियों के साथ पूरे कमरे में घूमते देखा गया।

ट्रंप की अपील – हिंसा न करें!

इस पूरे हंगामे को देखते हुए बाइडेन ने मांग की कि ट्रंप राष्ट्रीय टेलीविजन पर आएं और अपने समर्थकों से कैपिटल की घेराबंदी खत्म करने और यहां से वापस जाने के लिए कहें। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ट्रम्प, आगे आएं।”

इसके कुछ समय बाद ट्रंप ने एक वीडियो ट्वीट कर समर्थकों से घर जाने के लिए कहा। उन्होंने ट्वीट किया, “मैं अमेरिकी कैपिटल में सभी से शांति बनाए रखने के लिए कह रहा हूं। हिंसा न करें! याद रखिए, हम लॉ एंड ऑर्डर वाली पार्टी हैं। कानून और ब्लू कलर (डेमोक्रेटिक पार्टी के लोग) वाले महान पुरुषों और महिलाओं का सम्मान करें। धन्यवाद।”

इस पूरे मामले को लेकर न केवल बाइडेन बल्कि ट्रंप की पार्टी के सदस्यों ने भी ट्रंप को ही हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है। जिसके जरिये उनके समर्थकों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को खतरा पैदा किया है।

बाइडन ने की हमले की निंदा

अमेरिकी चयनित राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को यूएस कैपिटल में प्रदर्शनकारियों द्वारा इमारत में तोड़-फोड़ करने और औपचारिक रूप से चल रहे इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों को रोकने के लिए कार्यवाही को मजबूर करने की घटना को ‘विद्रोह’ बताया। बाइडन ने विलमिंगटन, डेलावेयर में कहा, “यह विरोध नहीं है, यह ‘विद्रोह’ है। यह असंतोष नहीं है, यह अव्यवस्था है। यह अराजकता है। यह देशद्रोह से मिलता-जुलता है।”

ट्विटर ने ट्रंप के ट्विटर अकाउंट को किया बंद

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यक्तिगत ट्विटर अकाउंट को 12 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है। प्लेटफॉर्म की हिंसक खतरों की नीतियों का उल्लंघन करने के कारण सोशल मीडिया दिग्गज ने यह कदम उठाया है। यदि ट्रंप का आगे भी ऐसा रवैया रहता है तो उनका अकाउंट स्थायी तौर पर बंद कर दिया जाएगा।

(इस खबर के इनपुट आईएएनएस से लिए गए हैं।)

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