नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) पिछले 41 दिनों से चल रहा किसान आंदोलन (Kisan Andolan) अब अपने अगले चरण में प्रवेश करने के लिए तैयार है। किसानों ने आने वाली 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालने फैसला किया है। किसानों ने उसका अब dry-run भी चालू कर दिया है। इसके अलावा किसानों ने आने वाले एक-एक दिन की भी रणनीति तैयार कर ली है। वहीं सुप्रीम कोर्ट कृषि कानूनी की सभी अर्जियों पर एक साथ 11 जनवरी को सुनवाई करेगा।
पहले दिल्ली के चारों तरफ से 6 जनवरी को मार्च निकाला जाना था लेकिन अब 7 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च किया जाएगा। किसान वेस्टर्न और ईस्टर्न एक्सप्रेस-वे पर कुंडली की तरफ और टिकरी की तरफ से मार्च निकालने की तैयारी कर रहे हैं। ईस्टर्न से रेवासन और गाजीपुर की तरफ मार्च निकाला जाएगा। कहा जा रहा है कि यह मार्च 26 जनवरी को निकाले जाने वाले मार्च का ट्रायल होगा।
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महिलाएं करेंगी अगुवाई
कुंडली बॉर्डर पर किसान नेताओं ने कहा कि 26 जनवरी को की जाने वाली ट्रैक्टर परेड में हरियाणा के हर गांव में 10 महिलाएं अगुवाई करेंगी। किसान नेताओं ने हर घर से एक आदमी को इसमें शामिल होने की अपील की है। किसानों के इस ऐलान के बाद दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
देशभर में चलाया जाएगा जनजागरण अभियान
संयुक्त किसान मोर्चा ने ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर सात जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया है। सरकार के साथ सातवें दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के एक दिन बाद मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से ट्रैक्टर मार्च की तारीख के साथ-साथ दो सप्ताह तक देश-जागरण अभियान चलाने की भी घोषणा की गई। इससे पहले सिंघु बॉर्डर पर दिन में किसान संगठनों की बैठक हुई। बैठक के बाद एक प्रेसवार्ता के दौरान किसान नेताओं ने आंदोलन तेज करने को लेकर छह जनवरी से लेकर 20 जनवरी तक देशभर में जनजागरण अभियान चलाने के साथ-साथ अन्य कार्यक्रमों का भी ऐलान किया।
आगे की रणनीति की तैयारी
- 9 जनवरी को किसान नेतार सर छोटूराम की पुण्यतिथि मनाई जाएगी।
- 10 जनवरी को पूरे देश में दो हफ्ते के लिए देश जागरण अभियान चलाया जाएगा।
- 13 जनवरी लोहड़ी के दिन किसान संकल्प दिवस मनाया जाएगा।
- 18 जनवरी को महिला किसान दिवस मनाया जाएगा।
- 23 जनवरी को किसान नेताजी सुभाष चंद्र बोस की याद में आजाद हिंद किसान दिवस मनाएंगे और राजधानियों में राज्यपाल निवास के बाहर डेरा डालेंगे।
केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर किसान 26 नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं
इस मसले के समाधान के लिए किसान और सरकार के बीच सातवें दौर की वार्ता सोमवार को बेनतीजा रहने के बाद अब अगले दौर की वार्ता आठ जनवरी को तय की गई है।