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MP में भी सवाल- क्या सियासत का ‘सच्चा सौदा’ है डेरा प्रमुख की ‘रिहाई’?

पंजाब चुनाव से ठीक पहले डेरा प्रमुख को मिली फर्लो, अब डेरा के प्रभाव वाली सीटों पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के चुनावी दौरे से उठे सवाल।

नई दिल्ली/ भोपाल (जोशहोश डेस्क) रेप और मर्डर केस में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम-रहीम को मिली 21 दिनों की फर्लो क्या सियासत का ‘सच्चा सौदा’ है? पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हरियाणा की जेल में बंद डेरा प्रमुख को मिली फर्लो और अब डेरा के प्रभाव वाली सीटों पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के चुनावी दौरे ने इस सवाल को और गहरा दिया है। मध्य प्रदेश में भी यह सवाल पूछा जा रहा है।

पंजाब के 23 जिलों में 300 बड़े डेरे हैं, जिनका सीधा दखल सूबे की सियासत में है। गुरमीत राम-रहीम के जेल से बाहर आने के बाद डेरे से जुड़ी पंजाब की संगत ने डेरे के 45 मेंबर वाली राजनीतिक कमेटी से चुनावों के लिए राय मांगी है वहीं अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर उन छह विधानसभा सीटों पर प्रचार के लिए पहुंच रहे हैं जहां गुरमीत राम रहीम का डेरा वर्चस्व रखता है।

हालांकि चुनाव से ठीक पहले गुरमीत राम-रहीम को मिली फर्लो (एक निश्चित अवधि के लिए मिली अस्थायी छुट्टी) को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर महज संयोग बता रहे हैं लेकिन इसे सियासी प्रयोग भी माना जा रहा है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने इस पर सवाल उठाया है-

पंजाब में 20 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होना है। गुरमीत राम-रहीम की रिहाई पंजाब में चुनाव से 13 दिन पहले हुई है। गुरमीत राम-रहीम का डेरा सच्चा सौदा हरियाणा के सिरसा जिले में हैऔर पंजाब के माझा, मालवा और दोआबा क्षेत्र में भी गुरमीत राम-रहीम के डेरा वर्चस्व रखता है। डेरे के प्रभाव वाली विधानसभा सीटों पर ही अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर प्रचार के लिए पहुँच रहे हैं।

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मनोहर लाल खट्टर की 6 विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार के लिए की ड्यूटी लगाई है। सीएम खट्टर पहले दिन अबोहर, फाजिल्का और बल्लुआना विधानसभा सीटों पर प्रचार करेंगे। इसके बाद वे पटियाला, संगरूर, राजपुरा में चुनाव प्रचार करेंगे। ये वही सीटें हैं जहां पर गुरमीत राम-रहीम का प्रभाव सबसे ज्यादा है।

गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम-रहीम को एक साध्वी यौन शोषण मामले में 20 साल की सजा हुई थी। उसे 25 अगस्त 2017 को सजा सुनाई गई थी। तब से गुरमीत राम-रहीम जेल में है। पत्रकार छत्रपति हत्याकांड और रणजीत हत्याकांड में भी अब गुरमीत राम-रहीम को सजा हो चुकी है। इससे पहले डेरा प्रमुख को बीमार मां से मिलने के लिए एक दिन की पेरोल मिली थी।

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