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कमलनाथ का सवाल, कारम पर एक्शन का कारण ? अफसर नपे-नेता बचे?

कमलनाथ ने कार्रवाई को बताया खानपूर्ति, वास्तविक जिम्मेदारों को बचाने का सरकार पर आरोप।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) कारम बांध में हुई लापरवाही को लेकर शिवराज सरकार ने 8 अधिकारियों पर गाज गिरा दी। सरकार ने यह एक्शन शुक्रवार शाम को लिया जबकि शुक्रवार सुबह ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने हादसे के 15 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार की सुस्ती पर सवाल उठाते हुए मामले में दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी हालाँकि सिर्फ अधिकारियों पर गाज गिराने पर भी सवाल उठ रहे हैं।

शुक्रवार सुबह ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सवाल उठाया था कि कारम डैम क्षतिग्रस्त मामले में 15 दिन बीत चुके है लेकिन अभी तक किसी भी दोषी पर कोई कार्यवाही नही की गई है ? कमलनाथ ने कहा था कि शिवराज सरकार ने चार सदस्यीय जाँच समिति बनाकर पाँच दिन में इसकी जाँच कर , कार्यवाही करने का दावा किया था लेकिन 11 दिन हो चले है,जाँच रिपोर्ट कहाँ है, किसके पास है,अभी तक उसका ही पता नहीं और अभी तक कोई कार्यवाही नहीं।

इसके बाद शाम होते होते शिवराज सरकार ने इस माले में एक्शन लिया और आठ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। हालांकि इस कार्रवाई पर भी सवाल उठे। कमलनाथ ने इस कार्रवाई को भी केवल खानपूर्ति बताया और वास्तविक जिम्मेदारों को बचाने का सरकार पर आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि कारम डैम मामले में कुछ छोटे अधिकारियों पर मात्र निलंबन की कार्यवाही कर, वास्तविक दोषियों को बचाने का काम किया जा रहा है। जिस बांध निर्माण में हुए भ्रष्टाचार के कारण हज़ारों लोगों की जान संकट में आ गयी, लोगों के घर-खेत बर्बाद हो गये, हज़ारों लोग लोग बेघर हो गये, सरकारी ख़ज़ाने को करोड़ों का नुक़सान हुआ, उसके वास्तविक दोषियों, ज़िम्मेदारों पर तो आपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिये। वास्तविक दोषियों, ज़िम्मेदारों पर तो कड़ी से कड़ी सजा मिलना चाहिये लेकिन सरकार के इस निर्णय ने बता दिया है कि भ्रष्टाचार को सरकार का संरक्षण प्राप्त है और वास्तविक दोषियों का कुछ होने वाला नहीं है।

कांग्रेस ने यह सवाल भी उठाया कि आखिर बांध क्यों फूटा और 105 करोड़ की लागत 304 करोड़ कैसे हो हुई? कांग्रेस ने साथ ही ठेकेदार के भाजपा से रिश्तों पर भी सवाल उठाये गए। प्रदेश कांग्रेस महासचिव केके मिश्रा ने ट्वीट किया-

गौरतलब है कि शिवराज सरकार ने कारन डैम में लापरवाही पर जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री पी जोशी, उपयंत्री विजय कुमार जत्थाप,अशोक कुमार, दशाबंता सिसोदिया,आरके श्रीवास्तव ,मुख्य अभियंता सी एस घटोले, कार्यपालन यंत्री बीएल निनामा और एसडीओ वकार अहमद सिद्धकी को निलम्बित किया है।। सस्पेंड होने वाले सभी अधिकारी जल संसाधन विभाग के हैं। इससे पहले बांध निर्माण से जुड़ी दो दोनों कंपनियों एएनएस कंस्ट्रक्शन और सारथी कंस्ट्रक्शन को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। साथ ही दोनों के लाइसेंस भी सस्पेंड कर दिए।

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