पांच दिन बाद भी तीनों राज्यों में CM तय नहीं कर सकी BJP, अब पर्यवेक्षक घोषित
मध्यप्रदेश समेत राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चल रहा इंतज़ार ख़त्म होने का नही ले रहा नाम
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश समेत राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चल रहा इंतज़ार ख़त्म होने का नाम ही नही ले रहा। तीन दिसम्बर को आये विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से भाजपा में मुख्यमंत्रियों के नाम को लेकर मंथन चल रहा है लेकिन पांच दिन बाद भी नाम तय कर पाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं।
अब शुक्रवार को भाजपा ने इन तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं। मध्यप्रदेश के लिए पार्टी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, के लक्ष्मण और आशा लकड़ा को पर्यवेक्षक बनाया है। वहीं छत्तीसगढ़ के लिए अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनोवाल को और राजस्थान के लिए राजनाथ सिंह, विनोद तावडे, सरोज पांडे को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।
बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश में भाजपा ने 10 दिसंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई है। ऑब्जर्वर इसमें विधायक दल के नेता यानी सीएम की घोषणा करेंगे। भाजपा में सीएम के लिये शिवराज के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, वीडी शर्मा, प्रहलाद पटेल व कैलाश विजयवर्गीय के नाम भी उछल रहे हैं लेकिन यह भी कयास हैं कि हाइकमान यदि नेतृत्व की बागडोर बदलता है तो कोई अनपेक्षित चेहरा भी सामने आ सकता है।
राजस्थान में वसुंधरा राजे के कारण पेंच फंस गया है। गुरुवार को वसुंधरा की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई थी। बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जिस तरह मुस्कुराते हुए निकलीं थीं उसके भी मायने तलशे जा रहे हैं। यहाँ मुख्यमंत्री की रेस में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का नाम तेज़ी से आगे आया है। अश्विनी वैष्णव को पीएम मोदी का भरोसेमंद नेता भी माना जाता है।
छत्तीसगढ़ में अभी सीएम फेस को लेकर सस्पेंस बरकार है। भाजपा ने छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव बिना किसी चेहरे के लड़ा और जीता है। यहाँ रेणुका सिंह, रमन सिंह और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का नाम CM रेस में शामिल है। सोनहत सीट से चुनाव जीतने वाली रेणुका सिंह ने गुरुवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात भी की है।