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प्रदेश के इतिहास में पहली बार, एक दिन में जले किसी CM के इतने पुतले, पुलिस देखती रही!

कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने जिस तरह शिवराज पर पलटवार किया उसे देखकर सियासी पंडित भी हैरान

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अभी कुछ वक्त है लेकिन प्रदेश की सियासत पर चुनाव का रंग चढ़ चुका है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही चुनावी पैतरेबाजी में एक दूसरे को पटकनी देने को तैयार हैं। वहीं ताजा सियासी घटनाक्रम यह साफ संदेश दे रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज ने खुद ही कमलनाथ को ताकत दे दी बल्कि चुनाव से पहले कांग्रेस को भी एकजुट कर दिया।

पूरा मामला उस समय गर्माया जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और कमलनाथ के लिए ‘पागल’ जैसे आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल कर दिया। अक्सर शांत और संयमित रहने वाले शिवराज का भाषाई मर्यादा खोना भी इस बात का प्रमाण माना जा रहा है कि इस बार वे बेहद दबाव में हैं।

दूसरी ओर कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने जिस तरह शिवराज पर पलटवार किया उसे देखकर सियासी पंडित भी हैरान हैं। अब तक की सियासत में कांग्रेस से आए बयान पर भाजपा बेहद आक्रामक दिखाई देती थी लेकिन इस बार प्रदेश में भाजपा के सबसे बड़े चेहरे शिवराज की ओर से आए बयान पर कांग्रेस ने भाजपा की ही रणनीति को अपनाकर मैदान मार लिया।

कमलनाथ जैसे वरिष्ठ नेता और कांग्रेस के चुनावी चेहरे पर CM शिवराज की इस अमर्यादित टिप्पणी ने पूरी कांग्रेस को आक्रोशित कर दिया। कांग्रेस ने कमलनाथ के अपमान को न सिर्फ हनुमान भक्त का अपमान बताया बल्कि इसे प्रदेश की अस्मिता से जोड़कर भाजपा की स्टाइल में ही भाजपा को घेर लिया।

कमलनाथ के समर्थन में कांग्रेस के विधायकों, पूर्व मंत्रियों,जिलाध्यक्षों और प्रवक्ताओं के साथ हर छोटे बड़े नेता और कार्यकर्ता ने वीडियो संदेश जारी कर सीएम शिवराज के बयान की निंदा की बल्कि माफी तक की मांग कर डाली। निश्चित ही इससे कमलनाथ के प्रति नेताओं और कार्यकर्ताओं का आदरभाव स्पष्ट दिखाई दिया।

सीएम शिवराज के बयान के खिलाफ कांग्रेस नेताओं ने सिर्फ सोशल मीडिया पर ही अपने आक्रोश को व्यक्त नहीं किया बल्कि शहर तो शहर कस्बे-देहात तक मुख्यमंत्री का पुतला दहन कर अपने आक्रोश को आवाज दी और कांग्रेस की जमीनी ताकत का अहसास कराया। माना जा रहा है कि 18 साल में यह पहली बार है कि जब इतनी बड़ी संख्या में एक ही दिन में प्रदेश के हर इलाके में मुख्यमंत्री का पुुतला दहन किया गया हो।

बड़ी बात यह भी देखी गई कि इतने व्यापक पैमाने पर हुए पुतले दहन को लेकर पुलिस प्रशासन भी सुस्त दिखा। पुलिस प्रशासन ने इन पुतला दहन कार्यक्रमों को रोकने को प्रयास नहीं किया। अन्यथा हर बार ऐसे आयोजनों को लेकर प्रशासन सख्त दिखता था और पुतला दहन को रोका जाता था। पुलिस प्रशासन के इस रवैए के भी राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं।

कुल मिलाकर यह कहा जा रहा है कि कमलनाथ पर आक्रमण करने के चक्कर में सीएम शिवराज एक सेल्फ गोल कर गए और कांग्रेस ने इस चूक पर आक्रामक रवैया अपनाकर भाजपा को करारा जवाब दिया है। प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का इस तरह एकजुट और आक्रामक हो भाजपा से मुकाबला करना पार्टी के लिए सुखद सन्देश बताया जा रहा है। बड़ी बात यह है कि कांग्रेस और कमलनाथ को यह ताकत और आक्रामकता दिखाने का मौका किसी और ने नहीं बल्कि खुद मुख्य्मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दे दिया।

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