दमोह उपचुनाव में शिवराज-VD के साथ भाजपा संगठन की हार
शिवराज सरकार और संगठन द्वारा पूरी ताकत झोंकने के बाद भी भाजपा यहां मुकाबले को चुनौतीपूर्ण तक नहीं बना पाई।
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दमोह (जोशहोश डेस्क) दमोह उपचुनाव में कांग्रेस के अजय टंडन की जीत के साथ ही भारतीय जनता पार्टी का खेमा सकते में हैं। राहुल लोधी के दलबदल के साथ ही भाजपा यह मान कर चल रही थी कि वह इस उपचुनाव को भी उसी तरह जीत लेगी जिस तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों के दलबदल के बाद भाजपा ने अपने संगठन की दम पर उपचुनाव में जीत हासिल की थी लेकिन शिवराज, वीडी शर्मा और संगठन द्वारा पूरी ताकत झोंकने के बाद भी भाजपा यहां मुकाबले को चुनौतीपूर्ण तक नहीं बना पाई।अब इस हार को शिवराज और वीडी शर्मा की जुगलबंदी के अलावा भाजपा संगठन की भी करारी हार माना जा रहा है।
चुनाव का ऐलान होने के साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने एक तरह से दमोह में ही डेरा डाल लिया था। उन्होंने बूथ स्तर तक की बैठकों के अलावा सामाजिक संगठनों की बैठकों के माध्यम से राहुल लोधी के लिए माहौल बनाया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी यहां घोषणाओं की झड़ी लगाते हुए कई कार्यक्रम किए थे। संगठन के अलावा शिवराज ने अपने दो कद्दावर मंत्रियों भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव को यहां प्रभारी बनाकर करीब पूरा मंत्रिमंडल चुनाव में उतार दिया था।
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वीडी शर्मा जिस तरह से यहां एक्टिव थे उसे देखते हुए यहां भितरघात की आशंकाएं भी निर्मूल लगने लगी थीं। जयंत मलैया को मनाने में भी भाजपा संगठन कामयाब हो गया था जिसके बाद भाजपा अपनी जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त थी लेकिन कांग्रेस के अजय टंडन ने सारे समीकरणों को पीछे छोड़ते हुए यहां बड़ी जीत दर्ज की है।
भाजपा को बीते उपचुनाव की तरह यहां भी यह गुमान था कि वह दलबदल के मुद्दे से अपने संगठन की दम पर पार पा लेगी लेकिन शहरी इलाकों में राहुल लोधी के दलबदल से नाराजगी कायम रही। न तो भाजपा का संगठन और न राहुल लोधी मतदाताओं के बीच दलबदल को सही साबित कर पाए।
यह हार वीडी शर्मा के नेतृत्व पर पहला बड़ा सवाल है। राहुल लोधी ने चुनाव हारते ही जयंत मलैया और उनके परिवार पर भितरघात का आरोप लगाया है अगर अब भाजपा मलैया और उनके परिवार को लेकर सख्ती दिखाती भी है तो इससे सिंधिया समर्थकों के दलबदल के बाद से पार्टी में चल असंतोष को और हवा मिलेगी जिससे निपटना वीडी शर्मा के लिए आसान नहीं होगा।
कुल मिलाकर भाजपा के लिए यह हार कई सबक लेकर आई है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने अजय टंडन की जीत से पहले ही जो उन्हें शुभकामना संदेश देते हुए ट्वीट किया था उसमें भी उन्होंने लिखा था हम जीते नहीं पर सीखे बहुत, अब देखना यह है कि भाजपा इस हार से क्या सीखती है।