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क्यों साध्वी प्रज्ञा सुलगा रहीं भाजपा में विद्रोह की आग?

विद्रोह के मूड में सांसद साध्वी प्रज्ञा

भोपाल (जोशहोश डेस्क) लगातार विवादित बयानों और हठधर्मिता के चलते भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भारतीय जनता पार्टी का संगठन नजरअंदाज कर रहा है। पार्टी के अपने प्रति इस रवैए से प्रज्ञा ठाकुर भी अंजान नहीं है और अब वे विद्रोह के मूड में आ गई हैं। इसके चलते ही प्रज्ञा ठाकुर ने रविवार को अपने निवास पर भोपाल की 5 विधानसभा सीटों के करीब दो दर्जन से ज्यादा नेताओं के साथ बैठक की।बताया जा रहा है कि इस बैठक में भोपाल के पूर्व महापौर आलोक शर्मा, प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के करीबी लोगों के खिलाफ जमकर भडास निकाली गई।

इस मीटिंग की विशेषता यह थी कि इसमें किसी को भी व्यक्ति को अपना मोबाइल लाने की अनुमति नहीं थी। माना जा रहा है कि भाजपा का एक बड़ा खेमा सांसद प्रज्ञा ठाकुर को पसंद नहीं करता और उन्हें निरंतर हाशिए पर रखना चाहता है। यही कारण है कि प्रज्ञा भारती को ज्यादा सार्वजनिक कार्यक्रमों में महत्त्व नहीं दिया जाता। हाल ही में उन्हें पुराने भोपाल में आर्च ब्रिज के लोकार्पण कार्यक्रम में पीछे का स्थान दिया गया। इसी तरह भाजपा के जिला कार्यालय के उद्घाटन में भी उन्हें स्थान नहीं मिला।यहां तो प्रज्ञा नाराज होकर कार्यक्रम छोड़कर ही चली गई थीं।

सांसद प्रज्ञा लगातार विवादित बयान देकर मीडिया में बने रहने की कोशिश करती हैं। उनके राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर दिए गए बयान पर उपजे राष्ट्रीय स्तर के असंतोष पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आपत्ति ली थी।प्रधानमंत्री ने यहां तक कहा था कि वे प्रज्ञा ठाकुर को दिल से माफ नहीं कर पाएंगे लेकिन इसके बाद भी प्रज्ञा ठाकुर के विवादित बयान देने का सिलसिला कम नहीं हुआ हाल ही में उन्होंने एक विशेष समुदाय विशेष जाति के लोगों को ज्यादा बच्चे पैदा करने की सलाह देकर एक बार फिर विवाद को जन्म दे दिया था।

माना जा रहा है कि जिस तरह से प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल लोकसभा से टिकट दिया गया था उससे शिवराज सिंह और भाजपा का एक बड़ा वर्ग खुश नहीं था और तभी से प्रज्ञा को नजरअंदाज किया जाता रहा है। यह बात भोपाल सांसद को बिल्कुल पसंद नहीं है उल्लेखनीय है कि मालेगांव बम धमाकों में आरोपी प्रज्ञा ठाकुर की कोर्ट की मुसीबतें भी अभी कम नहीं हुई है अभी हाल ही में उन्होंने कोर्ट की पेशी से बचने के लिए खुद को दिल्ली एम्स में भर्ती करा लिया था।

भाजपा- संघ का एक बड़ा खेमा यह मानता है कि प्रज्ञा के भगवा वस्त्र पहनने के कारण उनके प्रति लोगों में एक सद्भाव और सहानुभूति है लेकिन प्रज्ञा की हठधर्मिता और उनके असंतुलित आचरण को भाजपा के बहुत से नेता पसंद नहीं करते हैं सांसद प्रज्ञा ठाकुर जो भिंड की रहने वाली हैं वे एक समय सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया की बहुत करीबी मानी जाती थीं।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपनी राजनीति शुरू करने वाली प्रज्ञा ठाकुर मालेगांव बम धमाकों केबाद प्रकाश में आईं थीं। भारतीय जनता पार्टी में एक बड़े वर्ग का यह मानना है कि जिस तरह से उमा भारती का उदय हुआ और वह भाजपा में अनियंत्रित तरीके से राजनीति करती रहीं उस तरह की पुनरावृत्ति प्रज्ञा ठाकुर के रूप में भाजपा के नेता किसी भी हाल में नहीं देखना चाहते हैं।

लगातार बड़े नेताओं द्वारा अलग-थलग कर दिए जाने के बाद प्रज्ञा ठाकुर यह बहुत अच्छे से समझ रही है कि आगे आने वाले समय में उन्हें भोपाल से टिकट नहीं मिलेगा। उन्हें यह भी लगने लगा है कि भारतीय जनता पार्टी अब उन्हें वह महत्व नहीं दे रही जो चुनाव के समय मिला था क्योंकि उनके विवादित बयानों के कारण पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर नीचा देखना पड़ा था इसलिए अब उनको किनारे किया जा रहा है। खुद को पार्टी पर बोझ बनता देख वे अब तरह-तरह के हथकंडे अपना कर किसी ना किसी तरह से मीडिया में बने रहना चाहती हैं।

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