नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) पत्रकार रजत शर्मा द्वारा स्वदेशी वैक्सीन के पक्ष में गलत जानकारी और फेक न्यूज़ दिखाने के कारण ट्रोल होना पड़ा है। उन पर आरोप लगा है कि उन्होंने कोवैक्सीन को लेकर एक गलत जानकारी अपने टेलीविजन चैनल इंडिया न्यूज़ और ट्वीट के माध्यम से फैलाई है।
हालांकि उनके पक्ष में पत्रकार उत्तम सेनगुप्ता आए हैं, लेकिन जिस तरह से रजत शर्मा निरंतर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के पक्ष में बोलते रहते हैं और दक्षिणपंथी विचारधारा का खुलकर प्रचार-प्रसार अपने चैनल के माध्यम से करते हैं। उसके चलते उन पर प्रगतिशील वर्ग और वैज्ञानिकों का बड़ा तबका टूट पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि रजत शर्मा एक समय दिल्ली विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राजनीति करते थे और अरुण जेटली के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय कि छात्र परिषद में भी थे।
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क्यों हुए रजत शर्मा ट्रोल
रजत शर्मा ने 3 जनवरी को ट्वीट करके कहा था कि – अपने देश में बनी वैक्सीन कारगर है, सस्ती है और इसे स्टोर करना आसान है. ये नरेंद्र मोदी की नीति और हमारे वैज्ञानिकों की कुशलता का प्रतीक है. इस पर बेवजह शक करने वाले जान लें कि इस वैक्सीन की एडवांस बुकिंग 190 देशों ने करवाई है।
इसके बाद उन्होंने 4 जनवरी को फिर से ट्वीट कर कहा कि – भारत में बनी कोवौक्सीन की जो लोग आलोचना कर रहे हैं, उन्हें मालूम होना चाहिए कि 190 देशों की सरकारों के कंसोर्शियम ने इस वैक्सीन की 2 अरब डोज़ की बुकिंग करवाई है। लोग गलतफहमियों के शिकार न हों, तथ्यों पर यकीन करें। #Covaxin
हालांकि लोग उनके इस ट्वीट के बाद लोग पूछ रहे हैं कि अभी तक दुनिया में 197 देश माने जाते हैं, रजत शर्मा यही बता दें कि वो कौन से 7 देश हैं जिन्होंने वैक्सीन की बुकिंग नहीं करवाई है।
रजत शर्मा के दावे की पुष्टि वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भी नहीं करती
रजत शर्मा का दावा है कि कोवैक्सीन की बुकिंग 190 देशों ने कराई है, जबकि इसकी पुष्टि कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भी नहीं करती है। कोवैक्सीन पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है। 3 जनवरी को कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी के चेयरमैन कृष्णा इल्ला ने कहा था कि हमारा लक्ष्य इस वैक्सीन को पूरी दुनिया में उपलब्ध कराने का है। लेकिन उसके बाद दुसरे देशों द्वारा प्री बुकिंग या फिर ऑर्डर की पुष्टि कंपनी ने नहीं की है।
ट्रोल होने के बाद दी सफाई
विवाद बढ़ने के बाद आज मंगलवार को को रजत शर्मा ने सफाई देते हुए कहा है कि –
Covaxin और COVAX पर एक बात साफ़ करनी है। COVAX WHO के प्रोग्राम का नाम है, जिसके तहत 190 देशों के कंसोर्शियम GAVI ने Serum Institute और Bill and Melinda Gates Foundation के साथ 2 अरब वैक्सीन बुक की हैं, जबकि Covaxin भारत की वैक्सीन है, जिसे यहाँ की सरकार की मंज़ूरी मिली है।
पहले भी हो चुके हैं ट्रोल
यह पहली बार नहीं है जब रजत शर्मा अपने ट्वीट की वजह से ट्रोल हो रहे हैं। इससे पहले भी वह बाबा रामदेव की कोरोनिल का बचाव करने की वजह से ट्रोल हो चुके हैं। बाबा रामदेव ने पहले कोरोनिल को बाजार में कोरोना की दवा के रूप में उतारा था लेकिन तब विवाद बढ़ने के बाद इसे इम्यूनिटी बूस्टर का नाम दे दिया था।
यही नहीं एक बार रजत शर्मा ने अपने टीवी चैनल में पाकिस्तान में प्रधानमंत्री मोदी के पक्ष में नारे लगने वाली खबर दिखा दी थी। जो कि बाद में फेक साबित हुई थी। इसके बाद भी रजत शर्मा जमकर ट्रोल हुए थे।