मंदिर-मस्जिद से नहीं बनेंगे रोजगार के अवसर, कांग्रेस ही कर सकती है बेरोजगारी का समाधान
कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में कमलनाथ ने पेश किया आर्थिक प्रस्ताव
रायपुर (जोशहोश डेस्क) कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन के दूसरे दिन मध्यप्रदेश कांग्रेस के कमलनाथ ने कहा कि आर्थिक प्रस्ताव पेश किया। साथ ही उन्होंने दावा किया कि देश में बेरोजगारी की समस्या का समाधान केवल कांग्रेस ही कर सकती है। अधिवेशन के दूसरे दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी संबोधित किया।
कमलनाथ ने अपने सम्बोधन में कहा कि मेरा पहला अधिवेशन 50 साल पहले सन 1972 में कोलकाता में था। 50 साल पहले की दुनिया अलग थी। उस समय देश के सामने की चुनौतियां और समस्याएं आज की चुनौतियों और समस्याओं से अलग हैं। मैं आज यहां आर्थिक प्रस्ताव प्रस्तुत करने और उसके समर्थन में खड़ा हूं।”
कमलनाथ ने आगे कहा कि “आर्थिक प्रस्ताव में कई मुद्दे हैं। लेकिन हमारे सामने आज 3 मुख्य चुनौतियां हैं। बेरोजगारी, देश की संस्कृति की रक्षा और हमारे संविधान की रक्षा। आज के नौजवान और 20 साल पहले के नौजवानों में अंतर है। जो नौजवान हमारे देश का भविष्य हैं, जो देश के भविष्य की रक्षा करेंगे आज उनका भविष्य संकट में है। जब युवाओं का भविष्य संकट में तो देश का भविष्य निर्माण कैसे होगा?”
उन्होंने कहा कि आज हमें बेरोजगारों की पीड़ा समझने की आवश्यकता है। केवल मंदिर-मस्जिद जाने से रोजगार के अवसर नहीं बनेंगे। हम जीडीपी की बात कर सकते हैं। हम तरह-तरह के आंकड़े पेश कर सकते हैं। लेकिन इससे बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं होगा। बेरोजगारी की समस्या का समाधान केवल कांग्रेस पार्टी ही कर सकती है।
इससे पहले यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अधिवेशन में कहा कि मनमोहन सिंह के सक्षम नेतृत्व के साथ 2004 और 2009 में हमारी जीत ने मुझे व्यक्तिगत संतुष्टि दी लेकिन मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि मेरी पारी भारत जोड़ो यात्रा के साथ समाप्त हुई, जो कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था। वर्तमान समय कांग्रेस और पूरे देश के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय है। बीजेपी-आरएसएस ने देश की हर एक संस्था पर कब्जा कर लिया है और उसे बर्बाद कर दिया है।
वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी उस गौरवशाली विरासत की नुमाइंदगी कर रहे हैं, जिसे महात्मा गांधी जी, पंडित नेहरू जी, सुभाष चंद्र बोस जी, सरदार पटेल जी, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी, सरोजिनी नायडू जी, इंदिरा जी, राजीव जी ने अपने समर्पण से सींचा है।