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क्या PM मोदी को अनदेखा कर रहा BJP संगठन या माजरा कुछ और

पीएम मोदी की वंशवाद पर कथनी और भाजपा संगठन की करनी में बड़ा अंतर, कविता पाटीदार के नाम से फिर उठे सवाल।

नई दिल्ली/ भोपाल (जोशहोश डेस्क) क्या भाजपा संगठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अनदेखा कर रहा है? यह सवाल सुनने में कुछ अजीब लग सकता है लेकिन पीएम मोदी की वंशवाद पर कथनी और भाजपा संगठन की करनी तो यही साबित कर रही है। दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है वंशवाद पर पीएम मोदी और भाजपा की राजनीति हाथी के दांत सी है यानी कहना कुछ और करना कुछ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वंशवाद राजनीति को लेकर कांग्रेस के साथ ही क्षेत्रीय राजनीतिक दलों पर आए दिन तीखे प्रहार करते नजर आते हैं लेकिन उनकी अपनी पार्टी ही वंशवाद की बेल को लगातार हरी करती नजर आ रही है। मध्यप्रदेश में राज्यसभा के लिए पार्टी ने कविता पाटीदार के नाम का ऐलान किया है जिनके पिता स्वर्गीय भेरूलाल पाटीदार भाजपा के बड़े नेता रहे हैं।

कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश की सियासत जिस तरह ओबीसी राजनीति के इर्द गिर्द सिमट रही है उसके चलते ही कविता पाटीदार का नाम पार्टी ने राज्यसभा के लिए तय किया है। कविता ओबीसी वर्ग से हैं और पार्टी को उम्मीद है कि कविता पाटीदार को राज्यसभा भेजकर वह ओबीसी वर्ग को साधने में सफल होगी। कविता पाटीदार ने भी नाम तय होने के बाद कमोबेश यही बात कही है।

कविता पाटीदार पर भाजपा वंशवाद के आरोपों को नकारते हुए यह सफाई दे रहे है कि है उन्हें पार्टी से जुड़े लंबा समय हो चुका है और वे भाजपा संगठन के अहम् पदों के साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर काबिज रह चुकी हैं लेकिन इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि कविता को सियासी एंट्री और मुकाम उनके पिता के कारण मिला है।

प्रधानमंत्री का वंशवाद की राजनीति पर प्रहार और दूसरी ओर भाजपा में वंशवाद की फलती फूलती जड़े अपने आप में विरोधाभासी हैं। प्रादेशिक स्तर से लेकर राष्टीय स्तर तक भाजपा में वंशवाद की बेल लगातार बढ़ती जा रही है। यही नहीं वंशवाद की सियासत के चलते कांग्रेस में बड़ा मुकाम हासिल करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया, जतिन प्रसाद और आरपीएन सिंह जैसा नेता भी आज भाजपा की आँख के तारे बने हुए हैं।

ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वंशवाद राजनीति को लेकर कांग्रेस के साथ ही क्षेत्रीय राजनीतिक दलों पर चाहे जितने प्रहार करें लेकिन अब भाजपा में ही वंशवादी राजनीति सिर चढ़ कर बोल रही है। मध्यप्रदेश में कविता पाटीदार इसका ताजा उदाहरण हैं। ऐसे में भाजपा उन तमाम मुद्दों पर खुद ही घिरती जा रही है जिन मुद्दों पर वह विपक्ष पर हमलावार रहा करती थी।

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