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क्या भाजपा से मुकाबले में कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक होगा मोहनखेड़ा?

संगठन में जान फूंकने के लिए लिए कांग्रेस ने कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए मोहनखेड़ा में कांग्रेस ने प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया है।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में कमजोर हो चुके अपने संगठन में जान फूंकने के लिए लिए कांग्रेस ने कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए धार के मोहनखेड़ा में कांग्रेस ने भाजपा की तर्ज पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया है। तीन दिवसीय शिविर की आगाज रविवार को पार्टी के सीनियर नेता सुरेश पचौरी, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया की मौजूदगी में हुआ।

प्रशिक्षण शिविर में हाल ही में युवक कांग्रेस के चुनाव में नवनिर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष और जिला अध्यक्षों सहित लगभग 500 चुनिंदा नेता प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। शिविर में कांग्रेस के दिग्गज नेता अपनी युवा पीढ़ी को संगठन के महत्व और अनुशासन का पाठ पढ़ा रहे हैं।

क्यों है जरूरत

शिवराज सरकार के बीतेे तीन कार्यकाल में कांग्रेस अपने संगठन को धार नहीं दे पाई। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सत्ता में वापसी तो हुई लेकिन इस जीत में कांग्रेस के संगठन के बजाए शिवराज सरकार के कुछ विधायकों के प्रति नाराजगी का अहम योगदान था। जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा तो उसके बाद हुए उपचुनाव में भाजपा ने अपने संगठन की दम पर ही बड़ी जीत दर्ज की थी। अब नगरीय निकाय के चुनाव जल्द होने को हैं और 2023 में अगर कांग्रेस को अपने प्रदर्शन में सुधार करना है तो संगठन को धार दिए बिना यह संभव नहीं।

क्या सीख रहे युवा नेता
प्रशिक्षण शिविर में युवा नेताओं को कांग्रेस की रीति-नीति से लेकर कांग्रेस की स्थापना से लेकर अब तक की यात्रा के बारे में बताजा रहा है। साथ ही संगठन की मजबूती के लिए टिप्स देकर यह बताया जा रहा है कि पार्टी को अपने युवा संगठन से क्या अपेक्षाएं हैं। इसके अलावा जनता से संवाद और उनके भरोसे को जीतने के लिए भी वरिष्ठ नेता मार्गदर्शन दे रहे हैं।

प्रार्थना और श्रमदान से प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन की हुई शुरुआत

युवक कांग्रेस पर बड़ा दारोमदार

हाल ही में युवक कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव हुए थे। इसमें कांतिलाल भूरिया के पुत्र विक्रांत भूरिया प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे।अब प्रदेश में कांग्रेस को दोबारा मुकाबले में लाने का बड़ा दारोमदार युवक कांग्रेस पर है। कांग्रेस के युवा चेहरे कहे जाने वाले सिंधिया पाला बदल चुके हैं दूसरी ओर भाजपा ने अपने संगठन में युवा चेहरों को आगे कर भविष्य की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। ऐसे में कांग्रेस की यूथ विंग की सक्रियता और बूथ स्तर पर टीम की नए सिरे से जमावट जरूरी है। इस परिस्थिति में यह प्रशिक्षण शिविर अहम माना जा रहा है।

विक्रांत भूरिया के लिए मौका

युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित हुए विक्रांत भूरिया के लिए आने वाले दो तीन साल कड़ी परीक्षा है। भाजपा संगठन से मुकाबला करने के लिए अपने संगठन को नए सिरे से खड़ा करना और गुटबाजी तथा अनुशासनहीनता से पार पाना विक्रांत के लिए आसान नहीं होगा।हालांकि प्रशिक्षण शिविर के पहले दिन ही भूरिया ने संगठन में अनुशासन नहीं रखने वाले तथा शिविर में शामिल नहीं होने वाले पदाधिकारियों को सख्त संदेश दे दिया है। विक्रांत भूरिया ने छिंदवाड़ा, विदिशा, ग्वालियर ग्रामीण तथा भोपाल जिले के यूथ कांग्रेस के पदाधिकारियों पर कार्रवाई यह साफ कर दिया है कि संगठन में अनुशासनहीनता अब बर्दाश्त नहीं होगी। विक्रांत की नई टीम को प्रशिक्षण शिविर में अनुशासन का पाठ पढाया तो जा रहा है लेकिन यह टीम मैदान पर उसका कितना अनुसरण करेगी यह भविष्य ही बताएगा।

कमलनाथ दिग्विजय का मार्गदर्शन

प्रशिक्षण शिविर में युवा कार्यकर्ताओं को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह भी मार्गदर्शन देंगे। दोनों ही नेताओं के लंबे अनुभव से कार्यकर्ताओं को मिली सीख संगठन को मजबूत बनाने में उपयोगी साबित हो सकती है। साथ ही सोशल मीडिया में भाजपा के दुष्प्रचार से मुकाबला करने के दिशा में भी प्रशिक्षण शिविर अहम साबित हो सकता है।

पहली परीक्षा निकाय चुनाव
प्रशिक्षण शिविर के बाद कांग्रेस के युवा संगठन की पहली बड़ी परीक्षा नगरीय निकाय के चुनाव होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नगरीय निकाय के लिए सक्रिय हो चुके हैं। इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर समेत अन्य नगर निगम भाजपा के गढ़ कहे जाते हैं। बीते निकाय चुनाव में भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज़ की थी। ऐसे में युवक कांग्रेस के लिए पहली बड़ी परीक्षा तो निकाय चुनाव में पार्टी का बेहतर प्रदर्शन ही होगा।

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