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नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की आहट से प्रदेश में सियासी हलचल

मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय या पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्दी होने की संभावनाओं ने सियासी हलचल पैदा कर दी हैं।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय या पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्दी होने की संभावनाओं ने सियासी हलचल पैदा कर दी हैं। राज्य के दोनों प्रमुख सियासी दल भाजपा और कांग्रेस चुनाव की तैयारी में पहले से जुटे हुए हैं, तो वहीं दावेदार भोपाल का रुख कर रहे हैं।

राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ सदस्यों के साथ मंगलवार को बैठक की थी और साफ कर दिया था कि नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव जल्दी कराए जाने हैं। दोनों चुनाव में से एक की तारीख का ऐलान इसी माह यानि आगामी 21 दिनों के भीतर कर दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में दो में से कोई एक चुनाव मई में हो जाएगा।

राज्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा मंशा जाहिर किए जाने से पहले ही दोनों प्रमुख सियासी दलों में चुनाव को लेकर कदमताल जारी है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा राज्य के बड़े हिस्से का दौरा कर चुके हैं, इस दौरान विभिन्न स्तरों की बैठकें करने के बाद पार्टी के घोषणा पत्र के लिए आमजन से राय-मश्विरा भी किया। उन्होंने इन प्रवासों के दौरान कार्यकर्ताओं के बीच चुनाव के लिए तैयार रहने का मंत्र भी दिया।

वहीं कांग्रेस के तमाम नेता विभिन्न स्थानों पर सक्रिय हैं, इसके अलावा पार्टी मुख्यालय से भेजे गए प्रभारी भी दौरों में व्यस्त हैं और उम्मीदवारों को लेकर मंथन में लगे हुए हैं। वहीं कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ भी पार्टी कार्यकर्ताओं से लगातार संवाद कर रहे हैं।

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राज्य निर्वाचन आयुक्त सिंह के चुनाव की तारीख के जल्दी घोषित किए जाने की संभावना ने उन नेताओं की सक्रियता को बढ़ा दिया है जो आगामी समय में चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। भाजपा और कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि वैसे तो उम्मीदवारों का चयन क्षेत्रीय स्तर पर ही किया जाएगा, उसके बाद भी दावेदारों ने भोपाल में अपने समीकरणों को मजबूत करने की कवायद तेज कर दी है। कई नेता तो अरसे से भोपाल में डेरा डाले हुए हैं और कई ने भोपाल की तरफ रुख भी कर दिया है।

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव दोनों ही राजनीतिक दलों के लिए काफी अहम हैं, क्योंकि यह चुनाव किसान आंदोलन के बीच होंगे, वहीं सत्ता में हुए बदलाव के बाद राज्य व्यापी पहला चुनाव होगा। वैसे 28 विधानसभा क्षेत्रों में बीते दिनों उप-चुनाव हुआ था। दोनों ही दल इन चुनाव में पूरी ताकत झोंकेंगे। इस चुनाव को वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा के चुनाव से पहले का सेमीफाइनल भी माना जा सकता है।

इस खबर के इनपुट आईएएनएस से लिए गए हैं

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