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19 निकायों के नतीजे, कलेक्टर-कोटवार भी नहीं जिता पाए BJP को?

दिग्गजों द्वारा लगाईं ताकत के बाद भी सत्ताधारी BJP को नहीं मिली आशातीत सफलता

भोपाल (जोश होश डेस्क) मध्यप्रदेश के 19 निकायों में हुये चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित कर दिए गए। 19 निकायों में से 11 में भाजपा और 8 में कांग्रेस को जीत मिली। विधानसभा चुनाव से पहले आखिरी निकाय चुनाव के ये नतीजे सत्ताधारी भाजपा के लिए अपेक्षानुरूप नहीं कहे जा रहे हैं। वहीं कांग्रेस नतीजों से बेहद उत्साहित है।

मंगलवार को घोषित चुनाव नतीजों में 4 नगर पालिका व 7 नगर परिषद में भाजपा का कब्जा हुआ। वहीं राघौगढ़ और पीथमपुर नगर पालिका के साथ 6 नगर परिषद में भी कांग्रेस को सफलता हासिल हुई है। पूरी ताकत लगाने के बाद भी भाजपा इन चुनावों में बड़ी जीत दर्ज़ नहीं कर सकी वहीं प्रथम चरण में हुए हुए निकाय चुनाव की तर्ज़ पर इस बार भी कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया।

चुनाव नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा कि कलेक्टर से लेकर कोटवार तक को भाजपा कार्यकर्ता बना देने के बावजूद भाजपा को इन निकायों के चुनाव में आशातीत सफलता हासिल नहीं हुई।

प्रचार में भाजपा के दिग्गजों द्वारा लगाईं ताकत को लेकर केके मिश्रा ने कहा कि धार जिले की नगरीय निकाय चुनाव प्रचार में जहां प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने सघन चुनाव प्रचार किया, वहीं प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव मतदाताों को नोट बांटने की जद में आये, वहां भाजपा को केवल तीन पार्षर्दों से ही संतोष करना पड़ा।

केके मिश्रा ने कहा कि इन परिणामों से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के यशस्वी नेतृत्व पर आस्था के साथ कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपने ऐतिहासिक श्रम ने आसन्न 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी बहुमत के साथ सरकार बनाने के संकेत को स्पष्ट कर दिया है।

निकाय चुनाव में सबसे ज्यादा निगाह राघौगढ़ नगर पालिका पर टिकी थी। यहाँ भी भाजपा पूरी ताकत लगाने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के किले को नहीं भेद सकी है। राघौगढ़ के 24 वार्डों में से कांग्रेस ने 16 वार्ड में जीत दर्ज की है। वहीं भाजपा केवल 8 वार्ड में ही सिमट गई। राघौगढ़ में जहां भाजपा के लिए शिवराज सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया पूरे समय डेरा डाले रहे, वहीं सांसद रोडमल नागर भी प्रचार में डटे रहे। संघ भी ख़ासा सक्रिय दिखा जबकि कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री और विधायक जयवर्धन सिंह ने मोर्चा संभाला था। विधायक लक्ष्मण सिंह ने भी चुनावी सभाएं लेकर भाजपा के मंसूबों पर यहाँ पानी फेरा।

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