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क्या MP में राजनीतिक नतीजों से पहले ही जनहित के मुद्दों पर जीत रही कांग्रेस?

कांग्रेस ने विभाजनकारी राजनीति और ध्रुवीकरण के लाख प्रयासों के बाद भी भाजपा को जनहित के मुद्दों पर कर दिया मजबूर

भोपाल (जोशहोश डेस्क) विधानसभा चुनाव से पहले इस बार प्रदेश की सियासी तस्वीर में बड़ा बदलाव दिखाई दे रहा है। आमतौर पर चुनाव से पहले सत्ताधारी पार्टी जनहित की घोषणायें करती है और विपक्ष उसकी काट तलाशता है लेकिन मध्यप्रदेश में इस बार सत्तापक्ष विपक्ष के वादों की नकल करता दिख रहा है।

सियासी गलियारों में इस बदलाव को राजनीतिक नतीजों से पहले जनहित के मुद्दों पर कांग्रेस की बड़ी जीत बताया जाना लगा है। साथ ही यह कहा भी जा रहा है कि कांग्रेस ने विभाजनकारी राजनीति और ध्रुवीकरण के लाख प्रयासों के बाद भी भाजपा को जनहित के मुद्दों पर ही चुनावी मैदान में उतरने को मजबूर कर दिया है।

शिवराज सरकार द्वारा लाडली बहना योजना की राशि को एक हजार से बढ़ाकर 1250 रुपए किए जाना और फिर सावन में लाडली बहनों को चार सौ पचास रूपए में घरेलू गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने का ऐलान करना इसकी बानगी ही बताया जा रहा है।

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अब तो कांग्रेस द्वारा हर परिवार को पांच सौ रुपए में सिलेंडर उपलब्ध कराने के बड़े प्रभाव को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उज्जलवा योजना के साथ लाडली बहनों को 450 रूपए में सिलेंडर दिए जाने का ऐलान करना पड़ा है।

यही नहीं इससे पहले बढ़ती महंगाई को लेकर कांग्रेस और विपक्ष की घेराबंदी के बाद केंद्र सरकार ने घरेल गैस सिलेंडर के दाम दो सौ रुपए कम करने का ऐलान करना पड़ा था। तब भी इस घोषणा को मध्यप्रदेश समेत इस साल चार राज्यों में होने वाले चुनाव में कांग्रेस की घोषणाओं का असर ही बताया गया था।

इस ऐलान के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने यह कहा भी था कि अगर जनता को सस्ता सिलेंडर मिलेगा तो इसका श्रेय कांग्रेस की घोषणााओं को ही जाएगा क्योंकि इस सरकार को अगर महंगाई की चिंता होती तो निर्णय पहले ही ले लिया गया होता।

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