उज्जैन (जोशहोश डेस्क) सियासी सफर में कई मौके ऐसे आते है जब नेताओं को विचारधाराओं की लड़ाई और धरना-प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली से दो चार होना पड़ता है। कई बार गिरफ़्तारी और हवालात तक के हालात बन जाते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस दौर से गुजर चुके हैं। उज्जैन में उन्होंने खुद इस वाकए को बताया।
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मंगलवार को उज्जैन पहुंचे थे। यहां उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नवनिर्मित ‘छात्रशक्ति भवन‘ का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने अपने संबोधन में आपातकाल के दौर की आप बीती का जिक्र किया।
शिवराज ने बताया कि आपातकाल के दौरान उन्हें पर्चे बांटने और पोस्टर चिपकाने का काम मिला था। एक बार करीब 11 बजे रात को पुलिस घर आ पहुंची। पुलिस ने उन्हें धमकाते हुए कहा तू इंदिरा गांधी के खिलाफ आंदोलन चलाएगा। इसके बाद पुलिस ने हबीबगंज थाने में उनकी जमकर पिटाई की। शिवराज ने बताया कि उस रात में हुई पिटाई के कारण आज भी सर्दियों में उनकी हड्डियां दर्द देती हैं।
यहां अपने संबोधन में मुख्यमंत्री शिवराज ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सराहना की। उन्होंने कहा कि परिषद के सभी कार्यकर्ताओं ने सदैव ही अपने सामाजिक दायित्वों का पालन किया है। कार्यकर्ताओं ने समाज को विभिन्न विषयों को लेकर जागरुक करने समेत अनेक जनहितकारी कार्य किये हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की सेवा करते हुए कुछ अच्छे काम मैं कर पा रहा हूं, तो उसका कारण है कि विद्यार्थी परिषद में रहते हुए मैंने बहुत कुछ सीखा था और आज वो अनुभव काम आ रहा है।