पंजाब: कहने को आम आदमी की सरकार, बहुमत करोड़पतियों का
पंजाब में भगवंत मान की शपथ, आम आदमी पार्टी के दो तिहाई विधायक आम आदमी नहीं बल्कि करोड़पति।
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) पंजाब में बुधवार को भगवंत मान नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले रहे हैं। शपथ समारोह शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़कलां में हो रहा है। वहीं एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) के करीब दो तिहाई विधायक आम आदमी नहीं बल्कि करोड़पति हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और पंजाब इलेक्शन वॉच (PEW) की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) के चुने गए 92 विधायकों में से 63 विधायक करोड़पति हैं। यहाँ तक कि राज्य के सबसे अमीर विधायक भी आम आदमी पार्टी के ही हैं। बड़ी बात यह है कि सरकार ही नहीं विपक्ष में भी करोड़पतियों का बोलबाला है।
कांग्रेस के 18 में 17 और अकाली दल के तीनों विधायक करोड़पति हैं। मोहाली के AAP विधायक कुलवंत सिंह राज्य के सबसे अमीर विधायक हैं। इनके पास 238 करोड़ रुपये की संपत्ति है। दूसरी ओर फाजिल्का से आप विधायक नरिंद्रपाल सिंह सावन और संगरूर से आप विधायक नरेंद्र कौर भराज के पास क्रमश: 18,370 रुपये और 24,409 रुपये की ही संपत्ति है।
इधर पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान के शपथ ग्रहण समारोह में पार्टी सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल भी मौजूद रहेंगे। समारोह में करीब 2 लाख लोगों के पहुंचने की भी उम्मीद है। समारोह के लिए 13 एकड़ में विशाल पंडाल लगाया गया है। 40 एकड़ जमीन पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
शपथ समारोह से पहले ही आम आदमी पार्टी की सरकार विवादों में आ गई है। शपथ समारोह के लाइव कवरेज के लिए न्यूज चैनलों को 85 लाख रुपए स्वीकृत किए जाने और अखबारों में फुल पेज विज्ञापन दिए जाने को लेकर आम आदमी पार्टी पर पैसों के दुरुपयोग का आरोप लग रहा है। यहां तक कि समारोह के लिए 40 एकड़ जमीन पर किसानों की फसल कटवाने को लेकर भी आम आदमी पार्टी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि 10 मार्च को आये विधानसभा चुनाव के परिणामों में पंजाब में आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज़ की थी। आप ने 117 में से 92 सीटों पर जीत हासिल कर सारे अनुमानों को गलत साबित कर दिया था। वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस मात्र 18 सीटें ही जीत पाई। आप की लहर में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दोनों सीटों पर हार गए थे। वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू, प्रकाश और सुखबीर बादल जैसे तमाम दिग्गज नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा था।