खड़गे V/s थरूर: 9 हजार डेलिगेट्स आज चुनेंगे कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष
अध्यक्ष पद के लिए मतदान सोमवार को सुबह 10 बजे प्रारंभ होगा और शाम 4 बजे तक चलेगा। 200 डेलिगेट्स के लिए एक बूथ बनाया गया है।
नई दिल्ली/भोपाल (जोशहोश डेस्क) कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए सोमवार को 9 हजार डेलिगेट्स (वोटर) मतदान करेंगे। अध्यक्ष पद के लिए मतदान सोमवार को सुबह 10 बजे प्रारंभ होगा और शाम 4 बजे तक चलेगा। 200 डेलिगेट्स के लिए एक बूथ बनाया गया है। चुनाव के लिए 36 पोलिंग स्टेशन और 67 बूथ होंगे।
मतदान देश भर की प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) ऑफिस में होगा। उत्तरप्रदेश में सर्वाधिक 6 बूथ है। भारत जोड़ो यात्रा में शामिल राहुल गांधी समेत 47 डेलिगेट्स कर्नाटक के बेल्लारी में नए अध्यक्ष के लिए मतदान करेंगे।
भारत जोड़ो यात्रा के समन्वयक और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए हो रहे मतदान को लेकर कांग्रेस के आलोचकों को एक बड़ा सन्देश दिया। उन्होंने ट्वीट किया कि -सभी मीडियाकर्मियों और सभी राजनीतिक दलों के हमारे सहयोगियों को, जो वंशवाद और अलोकतांत्रिक होने को लेकर कांग्रेस की आलोचना करते हैं उन्हें प्यार के साथ हमारा संदेश। आज भारत यात्री जो पीसीसी के प्रतिनिधि हैं, वे बेलारी में हमारे शिविर स्थल से एआईसीसी अध्यक्ष को चुनने के लिए मतदान कर रहे हैं
अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़के और शशि थरूर के बीच मुकाबला है। खड़गे को आलाकमान की पसंद माना रहा है। दूसरी ओर शशि थरूर की व्यक्तिगत छवि और कांग्रेस में बदलाव के नारे के साथ मैदान में हैं।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय मतदान होगा। प्रदेश से 502 मतदाता अध्यक्ष पद के चुनाव में मतदान करेंगे। मल्लिकार्जुन खड़के और शशि थरूर दोनों ही राजधानी भोपाल में समर्थन मांगने आ चुके हैं।
अध्यक्ष पद के नामांकन की आखिरी तारीख 30 सितंबर को शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे ने नामांकन दाखिल किया। मल्लिकार्जुन खड़गे के नामांकन में कांग्रेस के सभी प्रमुख नेता शामिल हुए थे, जो यह दिखाने के लिए काफी था कि खड़गे गांधी परिवार के प्रत्याशी हैं। अब आज वोटिंग होगी और 19 अक्टूबर को नतीजे आएंगे।
कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए आखिरी बार साल 1998 में वोटिंग हुई थी। तब सोनिया गांधी के सामने जितेंद्र प्रसाद थे। सोनिया गांधी को करीब 7,448 वोट मिले, लेकिन जितेंद्र प्रसाद 94 वोटों पर ही सिमट गए। सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने पर गांधी परिवार को कभी कोई चुनौती नहीं मिली।