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कांग्रेस की जनाक्रोश यात्रा, चतुर्थी से शिवराज सरकार की विदाई का ‘श्री गणेश’

प्रदेश में सात रूटों पर निकलेगी यात्रा और 15 दिन में करीब 12000 किलोमीटर का सफर करेगी पूरा

भोपाल (जोशहोश डेस्क) विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस गणेश चतुर्थी पर्व पर जन आक्रोश यात्राओं का श्री गणेश कर रही है। यात्राओं के माध्यम से कांग्रेस प्रदेश में शिवराज सरकार के 18 साल के कुशासन से दबी कुचली जनता के दुख-दर्द को सामने लाएगी साथ ही। कांग्रेस के मुताबिक़ प्रदेश में जन-जन का आक्रोश शिवराज सरकार को विदा करने के लिए तत्पर है जिससे जनप्रिय ठोस सरकार बन सके।

इन यात्राओं से कांग्रेस प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों, घोटालों को जनता के सामने रखेगी। यात्रा के लिए विशेष रथ तैयार करवाए गए हैं। यात्रा पूरे प्रदेश में सात रूटों पर निकलेगी और 15 दिन में करीब 12000 किलोमीटर का सफर पूरा करेगी।

मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के नेतृव में निकाली जा रही बुंदेलखंड की जन आक्रोश यात्रा की शुरुआत बुंदेलखंड के सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल भगवान श्री जागेश्वरनाथ धाम में दर्शन-पूजन के साथ शुरू हुई। वहीं जनआक्रोश यात्रा शुरू करने से पहले अजय सिंह ने रीवा में महामृत्युंजय का अभिषेक किया।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार से शुरू होने जा रही यात्रा को लेकर लिखा कि इन यात्राओं का उद्देश्य शिवराज सरकार के 18 साल के कुशासन से दबी कुचली जनता के दुख-दर्द को अभिव्यक्त करना है।

https://x.com/OfficeOfKNath/status/1703998885566308671?s=20

कमलनाथ ने साथ ही बताया कि प्रदेश में जन आक्रोश क्यों है, साथ ही उन्होंने इसके पांच कारण भी बताये हैं-

  1. किसानों की आमदनी घटा देने के खिलाफ।
  2. बहन बेटियों को असुरक्षित बना देने के खिलाफ।
  3. नौजवानों से रोजगार छीन लेने के खिलाफ।
  4. जनता पर महंगाई लाद देने के खिलाफ।
  5. 50% कमीशन राज के खिलाफ।

कांग्रेस ने इन यात्राओं के लिए प्रदेश को सात रूटों में विभाजित किया है। इन रूटों पर पूर्व केंद्रीयमंत्री सुरेश पचौरी और अरुण यादव, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और विधायक कमलेश्वर पटेल व जीतू पटवारी यात्रा का नेतृत्व करेंगे।

बड़ी बात यह है कि बीजेपी ने जहां अपनी जनआशीर्वाद यात्रा में क्षेत्रीय चेहरों को दरकिनार करते हुए केंद्रीय नेताओं को यात्रा की कमान सौंप रखी है। वहीं, कांग्रेस क्षेत्रीय नेताओं को मैदान में उतारकर, जनता को जमीनी मुद्दों पर चुनाव लड़ने का मैसेज देने की कोशिश कर रही है।

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