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MP कांग्रेस की बेस्ट परफॉर्मेंस, 5 निगमों में जीत से बदलाव का आगाज

नगर निगमों के नतीजे 2023 विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को मजबूत करने वाले तथा भाजपा के लिए खतरे की घंटी।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश के 16 नगर निगमों के नतीजे कांग्रेस के लिए बेहद उत्साहजनक रहे हैं। कांग्रेस ने निकाय चुनाव में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पांच नगर निगमों में जीत दर्ज़ की है। इन नतीजों को 2023 विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को मजबूत करने वाले तथा भाजपा के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है।

कांग्रेस ने पहले चरण में ग्वालियर, जबलपुर और छिंदवाड़ा नगर निगम में जीत दर्ज़ की थी। अब दूसरे चरण के नतीजों में कांग्रेस ने मुरैना और रीवा नगर निगम में भी जीत का परचम लहरा दिया है। इस तरह अब कांग्रेस ने अपने खाते में निगमों की संख्या पांच कर ली है। वहीं भाजपा जो अब ऐसे पहले 16 नगर निगम पर काबिज थी अब उसके हाथ से 7 निगम निकल चुके हैं।

जहाँ तक कांग्रेस का सवाल है यह निकाय चुनाव में उसका सबसे बेहतर प्रदर्शन है। अगर 1999 के बाद से निकाय चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो कांग्रेस ने 1999 में भोपाल और जबलपुर सीट पर जीत दर्ज़ की थी। वहीं 2004 चुनाव में कांग्रेस को दो सीटों भोपाल और देवास पर ही सफलता मिली थी।

साल 2009 नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने तीन सीट देवास, उज्जैन और कटनी को जीता था अब से पहले यह कांग्रेस द्वारा जीती गई सबसे ज्यादा सीट थीं। साल 2015 का निकाय चुनाव तो कांग्रेस के लिए सबसे निराशाजनक था जब वह कोई सीट नहीं जीत पाई थी। साल 2015 के बाद हुए इस चुनाव में कांग्रेस ने 5 नगर निगम पर कब्जा किया है वहीं उज्जैन और बुरहानपुर में वह मामूली अंतर से पराजित हुई है।

यह नतीजे इसलिए भी उल्लेखनीय हैं क्योंकि ग्वालियर नगर निगम की सीट पर कांग्रेस ने 57 साल में पहली बार जीत दर्ज की है। वहीं जबलपुर नगर निगम में कांग्रेस ने 23 साल बाद जीत दर्ज की है। साथ ही छिंदवाड़ा नगर निगम में कांग्रेस ने पहली बार नगर सत्ता का स्वाद चखा है। ग्वालियर और जबलपुर तो भाजपा के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के भी गढ़ कहे जाते हैं।

इन नतीजों को अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव के लिए बड़ा संकेत भी माना जा रहा है। सियासी पंडित भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रदर्शन पर हैरानी जता रहे हैं। वही अब यह कहा जाने लगा है कि अगर इसी तरह सत्ता विरोधी लहर को कांग्रेस वोट में बदलने में कामयाब रही तो 2023 में सियासी बाज़ी पलटी जा सकती है।

पांच नगर निगमों में जीत के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी अपने सन्देश में कमोबेश यही बात कही है। उन्होंने प्रदेश की जनता को सम्बोधित करते हुए कहा है कि पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों में आपने मध्यप्रदेश के गांव-गांव और शहरों में बदलाव की शुरूवात कर दी है। गांवों और शहरों ने अब परिवर्तन का मन बना लिया है। आप सभी के विश्वास, सहयोग और समर्थन से हम मिलकर 2023 में मध्यप्रदेश के नवनिर्माण की शुरुआत करेंगे।

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