इंदौर: भारत जोड़ो में रुकावट के सियासी जतन, फिर भी यात्रा में जुड़ते गए जन
इंदौर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिखााई दिए व्यवधान, प्रशासन के साथ ही प्रदेश सरकार पर खड़े हो रहे सवाल
इंदौर (जोशहोश डेस्क) राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा सोमवार को इंदौर से उज्जैन के लिए रवाना हो गई। यात्रा को लेकर एक ओर जहां इंदौर की जनता बेहद उत्साहित दिखी वहीं इंदौर में यात्रा के दौरान जो व्यवधान दिखााई दिए उससे प्रशासन के साथ ही प्रदेश सरकार पर सवाल खड़े हो गए।
यात्रा के इंदौर पहुँचने के साथ ही स्थानीय प्रशासन का जिस तरह का व्यवहार दिखाई दिया उस पर उंगलियां उठ रही हैं। कहा यह भी जा रहा है कि प्रदेश सरकार ने राजनीतिक शिष्टाचार को ताक पर रख प्रशासन का दुरुपयोग कर यात्रा में रुकावटें डालने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
बड़ी बात यह है कि मध्यप्रदेशसे पहले यात्रा जिन राज्यों से होकर आई है उनमें से तमिलनाडु में ही कांग्रेस के समर्थन वाली सरकार है। इसके अलावा केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंधप्रदेश और महाराष्ट्र मे गैर कांग्रेसी सरकार हैं लेकिन राहुल गांधी की यात्रा को लेकर इन राज्यों में राजनैतिक अदावत नहीं देखी गई लेकिन मध्यप्रदेश में सरकार पर यात्रा में रूकावट के गंभीर आरोप सामने आए।
निगम प्रशासन की मनमानी इस हद तक दिखी कि भारत जोड़ो यात्रा के अध्यक्ष दिग्विजयसिंह और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को कल निगमायुक्त प्रतिभा पाल से मिलने जाने का अचानक निर्णय लेना पड़ा? प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन KK मिश्रा ने भी नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये-
दूसरी ओर इस सरकारी व्यवधानों के बाद भी मध्यप्रदेश में राहुल गांधी की यात्रा के लिए उत्साह दिख रहा है। मध्यप्रदेश में एंट्री के बाद से ही यात्रा में जबर्दस्त भीड़ दिख रही है। लोगमें खुद ब खुद शामिल होते दिखाई दे रहे हैं। सभी राहुल गांधी में एक उम्मीद देख उन्हें अपनी समस्याओं से रूबरू कराना चाह रहे हैं।
इंदौर के राजबाड़ा पर राहुल गांधी की सभा तो ऐतिहासिक बताई जा रही है। राहुल गांधी ने सभी मे न सिर्फ पहली बार यात्रा में किसी एक शहर के लिए कांग्रेस का विजन स्पष्ट किया बल्कि केंद्र और प्रदेश सरकार पर धार-धार हमले भी किए।
राहुल गांधी ने कहा कि छोटे व्यापारी और किसान होते हैं। ये लोग युवाओं को रोजगार देते हैं। सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी से छोटे व्यापारियों का कैश फ्लो खत्म कर दिया। नोटबंदी और जीएसटी से सिर्फ दो तीन लोगों को फायदा हुआ है। देश का सबसे बड़ा नुकसान नोटबंदी और जीएसटी ने किया है। जो काम चाइना की सेना नहीं कर सकती, वो काम नोटबंदी और जीएसटी ने कर दिया।