MP के इतिहास-संस्कृति को समर्पित इतिहासकार डॉ. सुरेश मिश्र का निधन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डाॅक्टर सुरेश मिश्र के निधन पर शोक जताया है।
भोपाल (जोशहोश डेस्क) वरिष्ठ इतिहासकार डाॅक्टर सुरेश मिश्र का गुरुवार को निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे। मध्यप्रदेश के इतिहास पर उन्होंने कई पुस्तकों का लेखन और अनुवाद किया। उदयपुर की ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण को लेकर वे अभी सक्रिय थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डाॅक्टर सुरेश मिश्र के निधन पर शोक जताया है। मुख्यमंत्री शिवराज ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए लिखा कि राज्य के इतिहास व संस्कृति को समृद्ध करने और ‘मध्यप्रदेश के रणबांकुरे’ व ‘मध्यप्रदेश के सूरमा’ जैसी अमूल्य पुस्तकों के सृजन के लिए सदैव याद किया जायेगा।
मंडला जिले के महाराजपुर में 1937 को जन्में सुरेश मिश्र ने 1960 में इतिहास से एमए और साल 1973 में पीएचडी पूरी की थी। वे खंडवा के एसएन काॅलेज से साल 1997 में प्रोफेसर पद से सेवानिवृत हुए थे।
इतिहास पर उनकी 29 किताबों का प्रकाशन हो चुका है और वे सात किताबों का अनुवाद कर चुके थे। मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें वर्ष 2012 के शंकरदयाल शर्मा सृजन सम्मान से नवाजा था। मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी ने उन्हें साल 2016 में राष्ट्रीय स्तर के माखनलाल चतुर्वेदी सम्मान से नवाजा था।