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वरिष्ठ विधायक गोविंद सिंह ने ग्वालियर कलेक्टर को 10 घंटे में किए 22 काॅल, नहीं मिली मदद

पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक मोबाइल और कार्यालय के नंबर पर 22 कॉल किये।

ग्वालियर (जोशहोश डेस्क) कोरोना संकट के विकराल संकट के बीच जब आपसी तालमेल की जरूरत है ऐसे में प्रशासन के अधिकारी जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा कर रहे हैं। ग्वालियर चंबल के दिग्गज नेता और मध्यप्रदेश के सबसे वरिष्ठ विधायक गोविंद सिंह के साथ ग्वालियर कलेक्टर का व्यवहार ऐसा ही कुछ बता रहा है।

लहार से विधायक और पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक मोबाइल और कार्यालय के नंबर पर 10 घंटे में करीब 22 काॅल किए लेकिन उन्हें एक भी कॉल का जवाब नहीं मिला। गोविंद सिंह दो कोरोना पीड़ित मरीजों का लेकर कलेक्टर से बात करना चाह रहे थे। मामला 23 अप्रैल का है।

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कलेक्टर से रिस्पांस न मिलने पर गोविंद सिंह ने ग्वालियर के प्रभारी मंत्री प्रदुम्न सिह तोमर को काॅल किया। प्रभारी मंत्री ने गोविन्द सिंह के फ़ोन पर तुंरत एक्शन लेते हुए कोरोना पीड़ितों की मदद की। पूरे वाकए से नाराज विधायक गोविंद सिंह ने कलेक्टर को शिकायती पत्र भी लिखा है।

पत्र में विधायक गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी अपील की है कि प्रदेश में जिम्मेदार पद पर बैठे नौकरशाहों को सावधान करें कि कम से कम संकट के समय जनता और जनप्रतिनिधियों से संवाद बना लिया करें।

भिंड जिले की लहार विधानसभा सीट से लगातार 7वीं बार विधायक चुने गए डॉ. गोविंद सिंह मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। वे दिग्विजय सिंह और कमलनाथ सरकार में मंत्री भी रहे हैं।

कोरोनाकाल में यह पहला मामला नहीं जब प्रशासनिक अधिकारी द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की गई हो। हाल ही में टीकमगढ में भाजपा के पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव का एडीएम द्वारा फोन न उठाने को लेकर विवाद का भी मामला सामने आया है।

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