रायपुर (जोशहोश डेस्क) नक्सली हिंसा से आजादी के लिए शुक्रवार को बड़ा मार्च निकाला जा रहा है। नारायणपुर जिले के अबुझमाड़ से रायपुर तक करीब 222 किलोमीटर तक निकाले जा रहे इस मार्च को पूर्व केंद्रीय मंत्रीअरविंद नेताम हरी झंडी दिखाएंगे।
महात्मा गांधी ने भी 12 मार्च को ही दांडी में अंग्रेजों के नमक कानून के खिलाफ पैदल यात्रा का आगाज किया था। इसलिए नक्सलियों के गढ़ कहे जाने वाले बस्तर के अबुझमाड से निकाले जा रहे इस मार्च को भी दांडी-2 नाम दिया गया है।
कुछ दिनों पहले नक्सल समस्या को लेकर पोल किया गया था। जिसमें लगभग 90 प्रतिशत लोगों की राय थी कि नक्सल समस्या को बातचीत के आधार पर ही सुलझाना चाहिए। इस संदेश के प्रचार-प्रसार के लिए यह मार्च निकाला जा रहा है।
मार्च के माध्यम से प्रदेश सरकार और नक्सलियों के बीच बातचीत से समस्या के समाधान पर जोर देने की मांग की जाएगी। साथ ही यह अनुरोध किया जाएगा कि जल्द ही दोनों पक्षों के बीच वार्ता की शुरूआत हो।
मार्च के आयोजनकर्ताओं का कहना है कि तत्कालीन सरकार ने साल 2018 में चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में भी नक्सल समस्या पर गंभीरता से काम करने की बात कही थी लेकिन अब तक इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
आयोजनकर्ताओं के मुताबिक यह मार्च 222 किलोमीटर की दूरी तय कर इस महीने की 23 तारीख को रायपुर पहुंचेगा। इस दिन रायपुर में पीड़ितों की सभा की जाएगी। जहा दोनों ही पक्षों के लोग पहली बार आमने सामने होकर अपनी बात रखेंगे। मीटिंग की अध्यक्षता महात्मा गांधी के पौत्र गोपाल गांधी करेंगे।