बालाघाट: तहसीलदार के बाद SDM भी निलंबित, कलेक्टर पर कब होगा एक्शन?
प्रशासन ने किये थे लीपापोती के प्रयास, भाजपा ने भी कांग्रेस के आरोपों को ठहराया था निराधार
भोपाल (जोशहोश डेस्क) बालाघाट के स्ट्रांग रूम में पोस्टल बैलेट से छेड़छाड़ के कथित वायरल वीडियो को लेकर कांग्रेस की शिकायतें रंग ला रही हैं। चुनाव आयोग ने अब इस मामले में एसडीएम गोपाल सोनी को भी निलंबित कर दिया गया है। नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह (तहसीलदार) पहले ही निलंबित किये जा चुके हैं।
एसडीएम गोपाल सोनी को भी निलंबित किये जाने के साथ यह भी साफ़ हो गया कि प्रशासन ने यहाँ लीपापोती के प्रयास किये थे जिसे भाजपा ने भी समर्थन देते हुए कांग्रेस के आरोपों को निराधार ठहराया था। कांग्रेस ने अब इस मामले में कांग्रेस ने कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार को भी हटाने की मांग की है।
कांग्रेस ने कहा है कि बालाघाट मामले में कलेक्टर को बचाने के लिये तहसीलदार के बाद अब एसडीएम पर निलंबन की गाज गिराई गई है। चुनाव आयोग को यह बताना चाहिए कि क्या कलेक्टर सिर्फ़ शोभा बढ़ाने के लिये हैं, या ज़िला निर्वाचन अधिकारी होने के नाते उनकी कोई ज़िम्मेदारी भी होती है? क्या इस मामले में वास्तविक दोषी कलेक्टर को भी निलंबित किया जाएगा?
बड़ी बात यह यह है कि कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार ने खुद स्वीकार किया है कि स्ट्रांग रूम नियम विरूद्ध खोला गया था। कलेक्टर ने एक इंटरव्यू में यह स्वीकार किया है कि राजनीतिक दलों को जो समय दिया उससे पहले ही स्ट्रांग रूम खोल लिया गया था। जो कुछ भी बालाघाट में हुआ वो असामान्य और प्रोसिजरल लेप्स है। उन्होंने यह भी स्वीकारा था कि स्ट्रांग रूम खोले जाने की जानकारी उन्हें जानकारी नहीं थी।
इधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इस मामले को लेकर कहा था कि बालाघाट में डाक मतपत्रों को जिस तरह से खोला गया, वह गंभीर कदाचरण है। उसके बाद सरकारी मशीनरी और जिम्मेदार अधिकारियों ने जिस तरह से इस कृत्य को सही साबित करने की कोशिश की, वह और भी अक्षम्य अपराध है।कमलनाथ ने आगे कहा है कि अधिकारी-कर्मचारी किसी भी असंवैधानिक या गैरकानूनी आदेश का पालन न करें और सिर्फ वही कार्य करें जो करना उनका प्रशासनिक दायित्व है।
मामले में कांग्रेस के चुनाव धांधली के आरोपों को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को केंद्रीय निर्वाचन आयोग से शिकायत की थी। दिल्ली में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान खुर्शीदबालाघाट के साथ और गुरदीप सिंह सप्पल आयोग कार्यालय पहुंचे थे। यहां ज्ञापन देकर इन मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की थी।