नगरीय निकाय के चुनाव में बड़ा मुद्दा होंगे बच्चे
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश में आगामी नगरीय निकायों और पंचायत चुनावों में राजनीतिक दलों के घोषणा पत्रों में बच्चों के मुद्दे शामिल कराने के उद्देश्य से प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की एक बैठक होटल पलाश रेसीडेन्सी में आयोजित की गयी। बच्चों के हितों पर केन्द्रित यह कार्यक्रम चाइल्ड राइटस् आब्जर्वेटरी मध्यप्रदेश और यूनीसेफ ने आयोजित किया था।
बैठक के प्रारम्भ में मध्यप्रदेश यूनीसेफ की प्रमुख श्रीमती मार्गेट ग्वाडा ने प्रतिनिधियों की इस बात को लेकर सराहना की, कि वे बच्चों के मुद्दो में रुचि लेते हैं और उनके प्रति चिंतित हैं। यूनीसेफ चीफ ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चों के लिये बजट के प्रावधानों को बढ़ाने की जरुरत है। आने वाले चुनावों के घोषणा पत्रों में बच्चों पर हिंसा, बाल-विवाह, पोषण और स्वास्थ्य जैसे मुद्दो के समाधान के लिये नीतियां शामिल करना चाहिए।
अब जब स्कूल खोलने की बात चल रही हैं तो बच्चे सीखने के जिस संकट से गुजरे हैं उसे भी ध्यान में रखा जाना जरुरी हैं, साथ ही हमें खुले में शौच से मुक्त शत प्रतिशत पर्यावरण उपलब्ध कराने, कोविड-19 के उपयुक्त व्यवहार और टीकाकरण की प्रक्रिया को सफल बनाने की कोशिशें भी करना है। हम सभी आपके नेतृत्व से अपेक्षा करते है कि आप बच्चों को जीवन जीने के अच्छे से अच्छे मौके उपलब्ध कराएगें।
इस अवसर पर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुये चाइल्ड राइटस् आब्जवर्रेवटरी मध्यप्रदेश की अध्यक्ष श्रीमती निर्मला बुच ने कहा कि चुनाव का घोषणा पत्र तैयार करने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है, आप पर मध्यप्रदेश को बच्चों के लिये सबसे सुरक्षित प्रदेश बनाने की जिम्मेदारी हैं । श्रीमती बुच ने यह भी कहा कि हम इसमें आपके साथ हैं।
चुनाव घोषणा पत्र तैयार करने के इस आयोजन में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, सीपीआई और आप पार्टी के कुल 32 प्रतिनिधि शामिल हुए।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने कार्यक्रम में भागीदारी करते हुए कहा कि हमें घोषणा पत्र के संबंध में जोे सुझाव प्राप्त हुये है, उनमें से व्यवहारिक सुझावों को हम अपने दल के घोषणा पत्र में जरुर शामिल करेंगे । उनका मत था कि नगरीय संस्थाओं में हमेशा वित्तीय संकट बना रहता है, लेकिन यह संस्थाए बच्चों के लिये कार्यक्रम क्रियान्वयन में सहयोगी हो सकती हैं और हमारे दल का यह प्रयास रहेगा।
कांग्रेस पार्टी की ओर से विधायक श्री हीरालाल अलावा ने कहा कि पंचायतों और नगरपालिकाओं की बच्चों के बहुमुखी विकास को ले कर भूमिका होना चाहिये। उनका कहना था कि प्रदेश में 0 -18 साल के बच्चों की बड़ी संख्या है। हमें बच्चों के अधिकारों को लेकर संवेदनशील होकर अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
भाजपा के महामंत्री श्री भगवान दास सबनानी ने कहा कि आज जो मुद्दे घोषणा पत्र के लिये रखे गये है वे महत्वपूर्ण हैं। हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कोविड के समय बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किस तरह निभायें, हमें बचपन भी बचाना है और उन्हें बाल श्रम से भी बचाना है। उन्होंने कहा कि हम सभी को जोड़कर घोषणा पत्र तैयार करेंगे और स्थानीय स्तर पर बच्चों के लिये जो काम कर सकते है वह काम करेंगे।
सीपीआई के प्रतिनिधि श्री शैलेन्द्र शैली ने कहा कि बच्चों में सही वैज्ञानिक और शान्ति की समझ विकसित की जाये। बच्चों की शिक्षा और उनके लिए स्वास्थ्य सुविधाएं निशुल्क होना चाहियें। हम इन बातों को अपने घोषणा पत्र में शामिल करने जा रहे हैैं।
आम आदमी पार्टी के प्रान्तीय अध्यक्ष श्री पंकज सिंह ने कहा कि आज यूनीसेफ और सीआरओ ने बच्चों के लिये एजेण्डा तैयार करने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। उन्होने कहा कि शहरों में गांवो से मजदूरों के साथ जो बच्चे आते है उनके अधिकार पूरी तरह से गायब है। श्री पंकज सिंह ने यह भी कहा कि बच्चों के कार्यक्रमों का निरंतर मूल्यांकन किया जाना चाहिये।
कांग्रेस के प्रवक्ता श्री भूपेन्द्र गुप्ता कहा कि हम समाज को को एक अवधारणा में बदलने की ओर धकेल रहे हैं । उन्होंने प्रवासी मजदूरों की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करते हुये कहा कि इन मजदूरों के साथ लगभग ढाई लाख बच्चे भी आये जिनका स्कूल पूरी तरह छूट गया, साथ ही वे कुपोषण के गंभीर शिकार भी हुए। यह जरुरी है कि बच्चों के लिये जो कानून बनाये जाए उनका पालन सुनिश्चित किया जाए।
भाजपा प्रवक्ता सुश्री नेहा बग्गा ने कहा कि हमारी सरकार बच्चों के लिये स्वास्थ्य, स्वच्छता और जेंडर के मुद्दों को लेकर संवेदनशील है, इसके लिए पंख कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है, हम उसे और मजबूती देंगे।
भाजपा के नेता श्री पंकज चतुर्वेेदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की चर्चा करते हुये कहा कि हम बच्चोें के हित में शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे चुनावी घोषणा पत्र में रखेंगे। हमारी प्राथमिकता में बच्चे सबसे आगे रहेंगे।
एटक के प्रतिनिधि श्री मनोहर ने कहा कि यह जरुरी है कि बच्चों के मुद्दो पर पार्टी से ऊपर उठकर सोचना चाहिये। उनका यह भी कहना था कि ग्रामीण क्षेत्रों पर शारीरिक हिंसा और लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं बड़ी संख्या में होती हैं, इस और घोषणा पत्र में ध्यान दिया जाना चाहिये।
कांग्रेस के प्रवक्ता श्री अब्बास हफीज ने कहा कि बाल श्रम प्रदेश में व्यापक है, इस संबंध में जो कानून है उनका सजगता और कड़ाई से पालन करना चाहिये।
कार्यक्रम को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने बहुत गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ लिया। उन्हे एक सुझाव देने वाला घोषणा पत्र “बच्चे सबसे पहले” उपलब्ध कराया गया। प्रतिनिधियों ने कहा कि इसमें शामिल बच्चों के मुद्दे और उनके सामने आ रहीं चुनौतियां स्पष्ट हैं, इन्हे हम अपने घोषणा पत्रों में अपने अपने तरीकों एवं प्राथमिकताओं के साथ शामिल करेंगे।