कोरोना का कहर: अस्पतालों में हाहाकार, नौटंकी में व्यस्त सरकार
प्रदेश के शासकीय और निजी अस्पतालों में कोरोना और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर हाहाकार की स्थिति है।
भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश के शासकीय और निजी अस्पतालों में कोरोना और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर हाहाकार की स्थिति है। प्रदेश में कोरोना पाॅजिटिव केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं और अस्पतालों में ऑक्सीजन का टोटा है। अकेले राजधानी के ही 100 अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। इंदौर में घंटो लाइन में लगने के बाद भी रेमडेसिविर वैक्सीन नहीं मिल रही। मुंहमांगे दाम वसूले जा रहे हैं। इस स्थिति में प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान मास्क लगाने की अपील और स्वास्थ्य आग्रह में व्यस्त हैं। जिसे विपक्ष ही नहीं अब आम जनता भी नौटंकी करार दे रही है।
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गुजरात ने प्रदेश को ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी है। नतीजा यह हुआ कि सागर और खरगोन में ऑक्सीजन के अभाव में 24 घंटों में पांच मरीज दम तोड़ चुके हैं। उज्जैन के माधवन नगर कोविड सेंटर में बुधवार गुरवार की रात केवल आधे घंटे की ऑक्सीजन बची थी। जबकि 60 से ज्यादा मरीज यहां आक्सीजन सपोर्ट पर थे। आधी रात कलेक्टर जैसे तैसे ऑक्सीजन की जुगाड़ कर बड़ी अनहोनी को टाल पाए।
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प्रदेश में कोरोना का सबसे बडा केंद्र बने इंदौर में हालात भयावह होते जा रहे हैं। हालात का अंदाजा भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के इस ट्वीट से ही लगाया जा सकता है।
विपक्ष भी प्रदेश में कोरोना और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है
दूसरी ओर सरकार स्थिति पर नियंत्रण के दावे कर कर रही है। सरकार के दावों के बीच प्रदेश में कोरोना पैर पसारता ही जा रहा है और अब स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराती दिख रही हैं। बीते 24 घंटों में ही कोरोना के चार हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। आधे मामले तो इंदौर, भोपाल जबलपुर और ग्वालियर से ही आए हैं। अब तो उमरिया और बडवानी जैसे छोटे शहरों में भी रोजाना 100 से जयादा मरीज मिल रहे हैं।
स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहाल होने और लगातार बढ़ रही कोरोना मरीजों की संख्या से प्रदेश एक बार फिर लाॅकडाउन की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। प्रदेश के सभी शहरी इलाकों में रात का कर्फ्यू लागू हो रहा है। वहीं भोपाल में शनिवार रविवार को लाॅकडाउन के आदेश जारी हो ही गए हैं। स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो संपूर्ण लाॅकडाउन ही विकल्प बचेगा।