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मध्यप्रदेश में किसान महापंचायत का रोडमैप तैयार, शामिल होंगे बड़े किसान नेता

भोपाल (जोशहोश डेस्क) दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन की तर्ज में अब मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन की जमीन तैयार की जा रही है। इसके लिए कांग्रेस अहम भूमिका निभाने जा रही है। कांग्रेस कृषि कानूनों के विरोध में गैर राजनीतिक मंच के नाम के साथ किसान महापंचायत का सिलसिला शुरू किया है।


मध्यप्रदेश में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह प्रदेश के अलग-अलग स्थानों में किसान महापंचायत करेंगे। इस दौरान वे ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर किसानों के साथ रहेंगे और उनके साथ घर रात भी रुकेंगे। वे गांव-गांव घूमकर कृषि कानूनों से किसानों को होने वाले नुकसान के बारे में बताएंगे। 4 मार्च से किसान महापंचायत की शुरुआत रतलाम जिले से है। इसके बाद 5 मार्च को उज्जैन और शाजापुर, 6 मार्च को सीहोर और भोपाल में महापंचायत करेंगे।

कांग्रेस ने अभी किसान महापंचायत के लिए तीन दिन का कार्यक्रम घोषित किया है, लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी इसे तीन महीने तक चलाने की योजना मना रही है। इसे कांग्रेस की जगह किसान आंदोलन की शक्ल दी जा रही है। इसके लिए प्रदेश के 26 किसान संगठनों को आमंत्रण भेजा गया है। दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा है कि किसान महापंचायत के मंच से कोई राजनीतिक बात नहीं होगी।

बड़े किसान नेताओं को बुलाया जाएगा

महापंचायत के लिए किसान संगठनों से संपर्क किया जा रहा है। इसका जिम्मा केदार सिरोही को सौंपा गया है। राकेश टिकैत समेत अन्य बड़े किसान नेताओं को भी प्रदेश की महापंचायतों से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।

लगभग 50 जगह होंगे कार्यक्रम

3 माह चलने वाली इस किसान महापंचायत के 40-50 जगह कार्यक्रम होंगे। इन महापंचायतों से राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चंजूनी, रंजीत सिंह राजू और शिवकुमार कक्काजी जैसे बड़े किसान नेताओं को जोड़ा जाएगा। इन नेताओं से संपर्क किया जा रहा है। महापंचायत के लिए अबी किसान जागृति, आम किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन, किसान यूनियन, किसान पंचायत, किसान मजदूर सेना, किसान सेना, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ, नर्मदा बचाओ आंदोलन सहित 26 संगठनों से संपर्क किया जा रहा है।

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