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लाउडस्पीकर को मुद्दा बनाना गलत, MP सरकार के भ्रष्टाचार से बिजली संकट

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा में प्रदेश सरकार-भाजपा संगठन पर उठाये सवाल।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने लाउडस्पीकर को सियायी मुद्दा बनाए जाने की आचोलना की है। साथ ही कहा है कि लाउडस्पीकर से अगर भावनाए भड़काईं जाएं तो सख्त कार्रवाई होना ही चाहिए। कमलनाथ ने बिजली संकट के लिए प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार को जिम्मेदार बताया है। चुनावी तैयारियों को लेकर कमलनाथ ने भाजपा को नसीहत भी दी है।

कमलनाथ ने शनिवार को मीडिया से चर्चा के दौरान देश और प्रदेश के मुद्दों के साथ नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफे को लेकर भी साफगोई से अपनी बात रखी। लाउडस्पीकर को लेकर चल रहे विवाद पर कमलनाथ ने कहा कि लाउडस्पीकर एक निजी मामला है, इसको मुद्दा बनाना ठीक नहीं है। लाउडस्पीकर से लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं, पर लाउडस्पीकर भड़काने वाला हो तो उस पर कार्रवाई ज़रूर होना चाहिए। लाउडस्पीकर का उपयोग कई जगह पर होता है पर इसका दुरुपयोग न हो, इस बात से मैं सहमत हूँ।

वर्तमान बिजली संकट के लिए कमलनाथ ने भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि आज पूरा प्रदेश बिजली-कोयला संकट झेल रहा है। किसान पीड़ित है, व्यापारी पीड़ित है, छात्र पीड़ित हैं इसकी जड़ बीते दो में प्रदेश सरकार द्वारा किया गया भ्रष्टाचार है। आज शिवराज सरकार में बगैर भ्रष्टाचार-कमीशन दिये कोई सौदा नहीं हो पा रहा ।

उन्होंने कहा कि बिजली संकट कोई रातोंरात खड़ा नहीं हुआ है। यह स्थिति आज उत्पन्न नहीं हुई है। यह कोई अचानक से बाढ़ या भूकंप नहीं आया है। पिछले दो-तीन महीने से यह संकट दिख रहा था। भाजपा सरकार हमेशा से ही कोयले संकट ,बिजली संकट से इंकार करती रही है।

प्रदेश सरकार पर सवाल उठाते हुए कमलनाथ ने कहा कि इस संकट से निपटने को लेकर भाजपा सरकार ने कोई प्लानिंग नहीं की। जिस प्रकार सरकार ने कोरोना से निपटने की कोई योजना नहीं बनाई थी, वैसे ही बिजली और कोयला संकट से निपटने की कोई योजना नहीं बनाई। ये बेहद चिंता का विषय है।

नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने पर कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने खुद गोविंद सिंह के नाम का प्रस्ताव आलाकमान के सामने रखा था। उनके ऊपर दोहरी जिम्मेदारी थी और विधानसभा चुनाव पास आ रहे हैं जिसकी तैयारी भी करना है, इसीलिए में नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ना चाहता था। दो महीने पहले ही मैंने इस्तीफ़ा दे दिया था। कमलनाथ ने भाजपा को नसीहत देते हुए कहा कि वह अपने संगठन की चिंता करे, कांग्रेस के संगठन की चिंता छोड़ दे।

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