बिजली कोयले पर शिवराज का झूठ प्रदेश की जनता से धोखा- कमलनाथ
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तीखा हमला, बिजली और कोयले के संकट पर झूठ परोसने का आरोप
भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में बिजली और कोयले के संकट की स्थिति के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मेरे सवालों का जवाब देने के बजाए शिवराज प्रदेश की स्थिति पर झूठ परोस रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि प्रदेश में वर्तमान में कुल कितनी बिजली की मांग है और वर्तमान में कुल कितना उत्पादन हो रहा है और कहां-कहां से किस दर पर बिजली ली जा रही है , यह सच तो आपको पता ही होना चाहिये और आपको यह सच्चाई चिंतित जनता को बताना भी चाहिये।
उन्होंने आगे कहा कि उसके बावजूद भी आप यह झूठ बोल रहे हैं कि प्रदेश में कोयले और बिजली का कोई संकट नहीं है तो यह प्रदेश की साढ़े 7 करोड़ जनता के साथ मजाक व धोखा है-
कमलनाथ ने प्रदेश में बिजली और कोयले के संकट के चलते शिवराज सरकार से सवाल पूछे थे। कमलनाथ ने पूछा था कि सरकार बताये कि –
- मध्य प्रदेश में वर्तमान में कोयले का कुल कितना स्टॉक उपलब्ध है और कुल कितने कोयले की वर्तमान में आवश्यकता है ?
- वर्तमान में प्रदेश में कुल कितने संयत्रो से कुल कितना बिजली का उत्पादन हो रहा है, इनकी क्षमता कितनी है ?
- कम उत्पादन के पीछे क्या कारण है ?
- वर्तमान में प्रदेश में कुल कितनी बिजली की माँग है और कितनी आपूर्ति की जा रही है और कहाँ- कहाँ से, किस दर पर ?
- कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से कितनी बिजली का उत्पादन वर्तमान में हो रहा है और इनकी क्षमता कितनी है ?
- कोयला कंपनियों का कुल कितना भुगतान वर्तमान में बाकी है और कितना भुगतान में सरकार ने अभी वर्तमान में किया है ?
- सरकार ने इस संकट से निपटने को लेकर अभी तक क्या इंतजाम किए हैं?
दूसरी ओर प्रदेश सरकार कोयले और बिजली की कमी से इंकार कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा है कि प्रदेश में बिजली संकट नहीं है और न बिजली संकट होने दिया जाएगा। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी कहा था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में न कोयले की कोई कमी है और न ही बिजली का संकट होने दिया जाएगा।
गौरतलब है कि देश के पाॅवर प्लांट्स में कोयले का संकट सुर्खियों में है। देश के साथ मध्यप्रदेश के चारों थर्मल पाॅवर प्लांट्स में भी कोयले की कमी की खबरें हैं। बताया जा रहा है कि पाॅवर प्लांट्स के पास कुछ दिनों का कोयला ही शेष है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में बिजली की डिमांड 10 हजार मेगावॉट तक पहुंच रही है। इसकी तुलना में प्रदेश में थर्मल, जल, सोलर व विंड से महज 3900 मेगावॉट ही बिजली का उत्पादन हो पा रहा है। शेष बिजली सेंट्रल पावर से ली जा रही है।