विकास की गर्त में MP: न राम पथ गमन का काम, न कर्ज माफी का प्रावधान
शिवराज सरकार के कार्यकाल का अंतिम बजट पेश, कमलनाथ ने दी तीखी प्रतिक्रिया
भोपाल (जोशहोश डेस्क) शिवराज सरकार ने इस कार्यकाल का अपना अंतिम बजट बुधवार को पेश किया। बजट में आगामी चुनावों का सीधा असर देखा जा रहा है। भाजपा जहाँ बजट को लेकर बेहद उत्साहित है वहीं कांग्रेस ने बजट को भाजपाई सत्ता की मप्र से विदाई का बजट बताया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बजट से सबसे बड़ा आघात मप्र की बेक बोन कही जाने वाली ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। किसानां और ग्रामीण क्षेत्र की उपेक्षा जिस प्रकार इस बजट में की गई है वह बेहद निंदनीय है। इस बजट में न किसान और ग्रामीण क्षेत्र की प्रगति और समृद्धि का कोई रोडमेप है, न औद्योगिक विकास की कोई इबारत लिखी गई, न युवाओं के रोजगार के अवसर सृजित होते हुए दिखाई दे रहे हैं, न अधोसंरचना विकास की विस्तृत सोच दिखाई देती है, न समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े हुए दलित, आदिवासी और पिछड़े भाईयों के भविष्य का ख्याल रखा गया है।
कमलनाथ ने कहा कि सबसे दुखःद बात यह है कि हमारी सरकार ने जो 2 लाख रूपये तक के किसानों के कर्जमाफी की योजना प्रारंभ की थी, उसे भी बंद कर प्रदेश के किसानों के साथ बहुत बड़ा कुठाराघात किया है और फसल ऋणमाफी योजना के लिए शर्मनाक तरीके से सिर्फ 3 हजार रूपये का प्रावधान किया गया। कृषि एवं उसकी सहायक गतिविधियां में सरकार ने विभिन्न विभागां को जैसे किसान कल्याण तथा कृषि विकास, उद्यानिकी, पशुपालन, ऊर्जा, लोक निर्माण, जल संसाधन, ग्रामीण विकास जैसे 14 विभागां को सम्मिलित कर उसमें 53964.80 करोड़ रूपये वर्ष 2023-24 में प्रस्तावित किये हैं। जबकि 2022-23 के पुनरीक्षित अनुमान के अनुसार यह प्रावधान 60854.1 करोड़ रूपये था। अर्थात पुनरीक्षित अनुमान के आधार पर लगभग 6000 करोड़ रू. कृषि एवं किसान कल्याण और उसकी सहायक गतिविधियों में कम करके किसानां और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर कुठाराघात किया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 2022-23 में 2930 करोड़ रुपये प्रावधानित किये गये थे, जिसे बेहद कम करते हुये 1826 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसी प्रकार राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में 2022-23 में 2205 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जिसे घटाकर 1765 करोड़ रुपये किया गया। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 2022-23 में 400 करोड़ रुपये था जिसे घटाकर 100 करोड़ रुपये किया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना में भी पिछले वर्ष की तुलना मेंं 800 करोड़ रुपये कम कर दिये गये हैं। महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना में शर्मनाक तरीके से मात्र 6000 रुपये का प्रावधान किया गया है।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग में भी मप्र के किसानों के भविष्य के साथ छल करते हुए किसानों की ऋण माफी योजना जो कांग्रेस सरकार ने प्रारंभ की थी, जिसके तहत 27 लाख किसानों का कर्ज माफ कर दिया गया था, उस योजना में मात्र 3000 रुपये का प्रावधान करके समूचे प्रदेश के किसानों के साथ छल किया गया है। मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना में जहां 2021-22 में 3000 करोड़ रूपये खर्च किये गये थे, वहां इस बजट में मात्र 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो कि पिछले वर्ष की तुलना में भी 500 करोड़ रुपये कम है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में भी लगभग 250 करोड़ रुपये की कमी की गई है। कृषि क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के बजट में भी पुनरीक्षित अनुमान से 40 प्रतिशत की कटौती की गई है।
आस्था पर आघात
कमलनाथ ने कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम ने अपने वनवास का अधिकांश समय मप्र में व्यतीत किया था। मगर दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि हमारी सरकार के समय हमने विस्तृत योजना तैयार की थी मगर वर्तमान भाजपा सरकार ने समूचे प्रदेश की धार्मिक भावनाओं को आहत करते हुए राम पथ गमन अंचल विकास योजना के मद में शून्य बजट का प्रावधान कर अपनी धार्मिक मानसिक शून्यता का प्रदर्शित किया है।