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WHO रिपोर्ट: क्या MP में भी ‘झूठ’ हैं कोरोना से मौतों के आंकड़े?

WHO के रिपोर्ट के बाद शिवराज सरकार के कोरोना से मौतों के आंकड़ों को कमलनाथ ने फिर बताया झूठा।

नई दिल्ली/ भोपाल (जोशहोश डेस्क) विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ताजा रिपोर्ट ने कोरोना से मौतों को लेकर सरकार के दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मौतों की संख्या करीब 47 लाख है जो आधिकारिक आंकडे से करीब 10 गुना है। हालांकि केंद्र सरकार ने WHO की रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज़ कराई है लेकिन रिपोर्ट के बाद देश के साथ मध्यप्रदेश सरकार के कोरोना से मौतों के आंकड़ों को कांग्रेस ने फिर झूठा बताते हुए सवाल खड़े किये हैं।

WHO की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कोरोना से मौतों की संख्या करीब 47 लाख है जबकि केंद्र सरकार का आधिकारिक आंकडा करीब सवा पांच लाख मौतों का है। यानी की रिपोर्ट और सरकार की संख्या में करीब 10 गुना का अंतर है।

अगर मध्यप्रदेश की बात की जाए तो कोरोना से मौतों की आधिकारिक संख्या करीब 11 हजार है। कांग्रेस पहले ही इस आंकड़े पर सवाल उठा चुकी है। कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में शिवराज सरकार के कुप्रबंधन के चलते एक लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं। WHO की रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बार फिर कोरोना से मौतों को लेकर शिवराज सरकार को निशाने पर लिया है।

कमलनाथ ने ट्वीट किया कि

मैं शुरू से ही कहता रहा हूँ कि कोरोना से देश में लाखों लोगों की मौत हुई है , जबकि भाजपा सरकार लोगों की जान बचाने व सच्चाई स्वीकारने की बजाय आँकड़े दबाने- छिपाने में ही लगी रही। मैंने मध्यप्रदेश को लेकर भी कहा कि यहाँ भी शिवराज सरकार के कुप्रबंधन के कारण मार्च और अप्रैल के महीने में श्मशान और कब्रिस्तानों में 1,27503 लोगों के अंतिम संस्कार हुये , इसमें से अगर 80 फीसदी भी कोरोना से मौतें हुईं हैं तो वो तादाद 1,02000 होती है। सरकार ने मुझे झूठा बताकर मेरे ख़िलाफ़ शिकायतें दर्ज करवा दी। जबकि हमने लोगों को इलाज, बेड ,आक्सीजन ,जीवन रक्षक दवाइयों व इजेक्शन के अभाव में तड़प-तड़प कर दम तोड़ते हुए देखा है। अब तो WHO भी कह रहा है कि भारत में कोविड से सबसे ज़्यादा मौतें हुई है और सरकारी आँकड़े से 10 गुना ज़्यादा मौतें हुई है और मौतों का आँकड़ा 47 लाख से भी ज़्यादा है। इसी से समझा जा सकता है कि भाजपा सरकार किस प्रकार झूठ परोसती रही , झूठे आँकड़े परोसती रही।

गौरतलब है कि WHO ने भारत में मौतों की संख्या के लिए जिन राज्यों से डेटा लिया है उनमें मध्यप्रदेश भी शामिल है। ऐसे में अगर WHO के रिपोर्ट को आधार माना जाये तो प्रदेश में भी मौतों की संख्या आधिकारिक आंकड़े 11 हज़ार से 10 गुना यानी 1 लाख से ज्यादा हो जाती है। मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, असम, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़ बिहार, कर्नाटक और यूपी के डेटा को रिपोर्ट में शामिल किया गया है।

वहीं डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों पर भारत सरकार ने आपत्ति दर्ज़ कराई है। भारत सरकार ने WHO के आंकलन के तरीकों के साथ ही जिस मॉडल इस्तेमाल किया गया है उसकी वैधता को लेकर भी सवाल उठाये हैं। सरकार ने कहा है कि WHO का ये डेटा पूरी तरह से वास्तविकता से परे है। उनका डेटा संकलन न तो किसी सांख्यिकी मॉडल और न ही किसी वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है।

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