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खरगोन: ‘दंगाइयों पर बुल्डोजर’ की सामने आई हकीकत, दावे एक्सपोज?

सूचना के अधिकार के तहत खुलासे से सवालों में घिरे सरकार के दावे।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद खरगोन में चले बुल्डोजर को लेकर सरकार अपने ही बयानों में उलझती जा रही है। एक ओर सरकार और उसके मंत्रियों ने दावा किया था कि दंगाइयों के घर और दुकानों को पत्थरों के ढेर में बदल दिया जाएगा। वहीं अब यह सामने आया है कि प्रशासन की यह कार्रवाई भूमि राजस्व अधिनियम के तहत की गई थी। बड़ी बात यह है कि इसके लिए कलेक्टर कार्यालय से आदेश भी जारी नहीं किए गए थे।

सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के तहत यह खुलासा हुआ है। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और एक्टिविस्ट साकेत गोखले को सूचना के अधिकार (RTI) के तहत कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) खरगोन ने यह जानकारी उपलब्ध कराई है।

जानकारी के मुताबिक मकानों और दुकानों पर कार्रवाई भूमि राजस्व अधिनियम 1959 के तहत की गई थी। इसके लिए कलेक्टर कार्यालय से कोई आदेश भी जारी नहीं किया गया था। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब कलेक्टर कार्यालय से आदेश जारी नहीं किया गया तो फिर यह कार्रवाई किसके आदेश पर की गई?

साकेत गोखले ने उन्हें उपलब्ध कराई गई जानकारी को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा है कि ये कार्रवाई पूरी तरह से गलत थी और सरकार ने नियम विरुद्ध जाकर यह कार्रवाई की है। साकेत गोखले ने अब इस कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट जाने की बात भी कही है।

इस खुलासे के बाद सवाल यह भी है कि अगर सरकार की यह कार्रवाई अतिक्रमण के विरोध में थी तो फिर अतिक्रमणकारियों को दंगाई जैसा प्रचारित क्यों किया गया। विषय विशेशज्ञों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति अतिक्रमण कर भी रहा है, तो नोटिस दिया जाना चाहिए और फिर एक्शन लेना चाहिए। जबकि सरकार ने पहले दंगाइयों की बात की और फिर घर और दुकानों पर बुलडोज़र चला दिया। ऐसा किये जाने से अतिक्रमणकारी भी दंगाई की श्रेणी में आ गया।

गौरतलब है कि रामनवमी के मौके पर हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दंगाइयों पर सख्त कार्रवाई की बात कही थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दंगाइयों से नुकसान की वसूली की जाने की बात कही थी वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि जिस जिस घर से पत्थर आए हैं, उन्हें पत्थर का ढेर बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा गृहमंत्री के सख्त तेवर के बाद दुकानों और मकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी।

वहीं सरकार की कार्रवाई पर पक्षपात के आरोप भी लग रहे हैं। सरकार और प्रशासन पर आरोप है कि कार्रवाई केवल एक ही वर्ग के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इसके अलावा जिन लोगों पर दंगों का आरोपी बनाया गया है उस पर भी सवाल उठ रहे हैं। एक ओर जेल में बंद एक युवक को भी दंगों का आरोपी बनाए जाने की बात सामने आई थी। वहीं एक ऐसे युवक को भी पत्थर फेंकने का आरोपी बनाया गया है जिसके दोनों हाथ ही कटे हैं।

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