वाह सरकार वाह: गणेशोत्सव-मुहर्रम पर ‘रोक’, जनआशीर्वाद यात्राओं को मंज़ूरी
जनआशीर्वाद यात्राओं में उमड़ रही भीड़, कोरोना पर सरकार का दोहरा चरित्र उजागर।
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश सरकार स्वयं यह कहती है कि कोरोना की लहर थमी है पर गई नहीं है। इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है। वहीं सावधानी बरतने के नाम पर सरकार ने धार्मिक त्योहारों को सार्वजनिक रूप से मनाए जाने पर रोक लगा दी है लेकिन भारतीय जनता पार्टी की जनआशीर्वाद यात्राओं पर कोई रोक नहीं है। कोरोना को लेकर यह दोहरा रवैया भविष्य में प्रदेश के लिए घातक साबित हो सकता है।
प्रदेश में बीजेपी के तीन केंद्रीय मंत्री अलग-अलग क्षेत्रों में जनआशीर्वाद यात्रा पर हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, सामाजिक न्याय मंत्री डॉ वीरेंद्र खटीक और कानून एवं राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल राज्य के अलग अलग इलाकों में जनआशीर्वाद यात्राओं पर हैं। मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और एसपी सिंह बघेल की जनआशीर्वाद यात्रा शुरू हो चुकी है केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र खटीक की यात्रा 19 अगस्त से शुरू होना है।
प्रदेश में केंद्रीय मंत्रियों की जनआशीर्वाद यात्राओं में शक्ति प्रदर्शन के चलते जमकर भीड़ उमड़ रही है। मंगलवार को प्रद्रेश के मालवा क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की जनआशीर्वाद यात्रा में कमोबेश ऐसे ही नजारे दिखाई दिए थे।
एयरपोर्ट पर ही सिंधिया के स्वागत में कार्यकर्ताओं का हुजूम जमा था। इसके चलते यात्रियों को बेहद असुविधा हुई और यात्रियों को एयरपोर्ट पर एंट्री के लिए ही दो घंटे तक इंतजार करना पड़ गया था। यहां से सिंधिया की यात्रा देवास के लिए रवाना हुई थी, इस दौरान एबी रोड समेत कई इलाकों में जाम जैसे हालत दिखाई दिए थे।
कांग्रेस ने भी कोरोनाकाल में केंद्रीय मंत्रियों की जनआशीर्वाद यात्रा पर सवाल उठाए हैं। इंदौर कांग्रेस के अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने कहा कि कोरोना को देखते हुए एक ओर सरकार धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा रही है तो फिर जनआशीर्वाद यात्राओं को अनुमति क्यों दी जा रही है? सरकार इन आयोजनों से लोगों को संकट में डाल रही है।
इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोविड संक्रमण को देखते हुए एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद आगामी गणेश उत्सव, मोहर्रम, जन्माष्टमी आदि त्यौहारों को सार्वजनिक रूप से मनाए जाने पर रोक लगा दी थी। आदेश के मुताबिक गणेश प्रतिमाएं सार्वजनिक रूप से स्थापित नहीं का जा सकेंगी तथा जन्माष्टमी एवं मोहर्रम पर जुलूस व ताजिए नहीं निकाले जा सकेंगे। यहाँ तक कि इस बार स्वतंत्रता दिवस भी सीमित रूप से मनाया गया था।