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क्या BJP नेताओं ने जनता को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बांटे थे?

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा जनता को बांटे गए रेमडेसिविर इंजेक्शन के भी नकली होने की आशंका जताई जा रही है।

इंदौर/जबलपुर (जोशहोश डेस्क) इंदौर और जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के काले कारोबार का गुजरात से कनेक्शन का खुलासा होने के बाद हड़कंप की स्थिति है। जबलपुर में सिटी हॉस्पिटल के संचालक को अरेस्ट किया जा चुका है। वहीं अब भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा जनता को बांटे गए रेमडेसिविर इंजेक्शन के भी नकली होने की आशंका जताई जा रही है।

इंदौर में कांग्रेस के विधायक संजय शुक्ला ने यह आशंका जताते हुए भाजपा नेताओं द्वारा बांटे गए इंजेक्शन के बिल सार्वजनिक करने की मांग की है। संजय शुक्ला ने सवाल किया कि क्या भाजपा के नेताओं के द्वारा अपने बंगले पर जो शहरवासियों को इंजेक्शन बांटे गए, उसमें भी नकली इंजेक्शन शामिल थे?

कांग्रेस नेता संजय शुक्ला ने कहा कि यह तो सभी को मालूम है कि इंदौर में सांसद से लेकर भाजपा से जुड़े विधायक तक के पास बड़ी संख्या में यह इंजेक्शन मौजूद थे। जो इनके द्वारा नागरिकों को बांटे गए हैं। ऐसे में यह प्रश्न लाजमी है कि आखिर इन नेताओं के पास यह इंजेक्शन कहां से आए?

उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि भाजपा के नेताओं के द्वारा यह इंजेक्शन खरीदे गए होंगे और फिर जनता को वितरित किए गए। इस स्थिति में यह आवश्यक है कि भाजपा के नेता इंजेक्शन की खरीदी के अपने बिल को सार्वजनिक करें। संजय शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह यह बताएं कि आखिर इंदौर में कितने नकली इंजेक्शन का उपयोग कितने मरीजों पर हुआ है।

दूसरी ओर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी जबलपुर में अस्पतालों और डाॅक्टर्स द्वारा नकली इंजेक्शन दिए जाने की स्थिति साफ किए जाने की मांग की है।

उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों को टैग करते हुए ट्वीट किया है। इसमें यह मांग की गई है कि मरीजों को दिए गए नकली रेमडेसिविर की जानकारी सार्वजनिक की जाए।

वहीं कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने भी इंदौर और जबलपुर में नकली रेमडेसिविर माफियाओं के काले कारनामे सामने आने पर शिवराज सरकार के साथ दोनों जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर पर सवाल उठाए हैं।

कुणाल चौधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश को यह बताएं कि दोनों जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर पर क्या कार्रवाई हुई? इसमें बड़ी मछलियां तो शामिल नहीं हैं? या पूरी दाल ही काली है?

गौरतलब है कि इंदौर और जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के काले कारोबार का खुलासा हुआ है। दोनों ही शहरों में नकली रेमडेसिविर की खेप गुजरात से आई थी। इंदौर में तो नकली रेमडेसिविर से पहली मौत का मामला भी सामने आ चुका है। नकली रेमडेसिविर मामले में 11 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।

वहीं जबलपुर में भी गुजरात क्राइम ब्रांच के छापेमारी में 90 लाख रुपए नगद तथा तीन हजार से ज्यादा नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए गए थे। मामले में सिटी हाॅस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा और भगवती फार्मा के सपन जैन की को अरेस्ट किया गया है। सरबजीत सिंह मोखा पर नकली इंजेक्शन खरीदने का आरोप है। सरबजीत स्थानीय विहिप इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष और भाजपा नेताओं का करीबी है।

गौरतलब है कि सरबजीत सिंह ने हाल ही में सांसद राकेश सिंह को कोविड केयर सेंटर के लिए 11 लाख रुपए दान भी किए थे। वहीं जबलपुर में सांसद राकेश सिंह के नाम से रेमडेसिविर इंजेक्शन निशुल्क बांटे जाने के पोस्टर भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।

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